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बालुरघाट अस्पताल में गर्भवती महिला की मौत, लगा लापरवाही का आरोप

- मृत महिला के परिजनों ने अस्पताल अधीक्षक के पास दर्ज कराई शिकायत - संवादसूत्र बालुरघाट

By JagranEdited By: Published: Wed, 06 Jan 2021 07:48 PM (IST)Updated: Wed, 06 Jan 2021 07:48 PM (IST)
बालुरघाट अस्पताल में गर्भवती महिला की मौत, लगा लापरवाही का आरोप
बालुरघाट अस्पताल में गर्भवती महिला की मौत, लगा लापरवाही का आरोप

- मृत महिला के परिजनों ने अस्पताल अधीक्षक के पास दर्ज कराई शिकायत

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संवादसूत्र, बालुरघाट : अच्छी तरह से इलाज न करके एक गर्भवती महिला को बालुरघाट सुपर स्पेशलिटी अस्पताल से वापस करने का आरोप चिकित्सकों पर लगा है। लेकिन फिर बालुरघाट अस्पताल में भर्ती लेने के बाद नौ महीने की गर्भवती महिला की मौत हो गई। जिसके बाद इलाके में उत्तेजना देखा गया। बुधवार को परिवारवालों की ओर से बालुरघाट अस्पताल के सुपर के पास लिखित शिकायत दर्ज कराया गया है। जिसमें चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगा है। इससे पहले भी बालुरघाट अस्पताल में गर्भवती महिला को वापस करने जैसी घटना घट चुकी है। वही अस्पताल के सुपर ने पूरी घटना को देखने का आश्वासन दिया है।

आरोप है कि गर्भवती महिला पहले कुमारगंज के बटून माधवपुर से कुमारगंज ग्रामीण अस्पताल में गत तीन जनवरी को भर्ती हुई। जहां से उसे कहा गया कि यहां पर ऑपरेशन नहीं हो सकेगा। वहां से उसे बालुरघाट अस्पताल भेजा गया। जहां पर चिकित्सकों ने बताया कि महिला अभी स्वस्थ है। अभी उसका प्रसव नहीं हो सकता है। इसके बाद चार जनवरी को महिला को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। लेकिन पांच अर्थात मंगलवार रात को महिला को दर्द की शिकायत होने पर उसे कुमारगंज ग्रामीण अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से फिर उसे देर रात को बालुरघाट अस्पताल भेज दिया गया। वही बुधवार सुबह में चिकित्सक ने गर्भवती महिला को मृत घोषित कर दिया। इसके साथ उसके गर्भ में पल रहे नौ महीने के शिशु की भी मौत हो गई।

गौरतलब है कि मृत गर्भवती महिला का नाम नयनी मूर्मू है, जो कुमारगंज माधवपुर इलाके की रहने वाली थी। तीन साल पहले बालुरघाट ब्लाक के डांगा इलाके में विनोद टूडू के साथ उसका विवाह हुआ था। महिला नौ महीने की गर्भवती थी।

इस बारे में मृत गर्भवती महिला की मांग जयंती मार्डी ने कहा कि मेरी बेटी का इलाज नहीं हुआ, बल्कि केवल अस्पताल के चक्कर लगाने के लिए मजबूर किया गया। अगर सही समय पर बालुरघाट अस्पताल में चिकित्सकों ने देखा होता, तो मेरी बेटी बच गई होती। अस्पताल में मरीजों के रखने की जगह है, अगर चिकित्सक वहां से वापस लौटा दें, तो हमलोग कहां जाएंगे। आज मेरी बेटी की मौत हुई है, कल किसी दूसरी की होगी।

इस बारे में बालुरघाट अस्पताल के अधीक्षक पार्थ सारथी मंडल ने कहा कि एक शिकायत मिला है। यहां पर एक बार पहले ये लोग तीन तारीख को भर्ती हुआ था। प्रसव का समय नहीं हुआ, इसलिए चिकित्सकों ने छुटटी दे दी। उसके बाद फिर हालत गंभीर होने के बाद अस्पताल लाया गया। प्रसव के दौरान उसकी मौत हो गई। पूरी घटना की छानबीन की जा रही है। जिला मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी के साथ बातचीत की जा रही है। कैप्शन : बालुरघाट अस्पताल की फाईल फोटो


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