दो दशक तक अटल जी के पुरोहित रहे पंडित सौरेंद्र नाथ चटर्जी
-अटल जी के जाने से लगा मैंने अपना बड़ा भाई खो दिया : सौरेंद्र नाथ चटर्जी संवाद सूत्र, बालुरघ्
-अटल जी के जाने से लगा मैंने अपना बड़ा भाई खो दिया : सौरेंद्र नाथ चटर्जी
संवाद सूत्र, बालुरघाट : भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ उत्तर बंगाल का भी नाता था। दक्षिण दिनाजपुर जिला के बालुरघाट के चकभृगु इलाके के साटोर्द्धक उच्च विद्यालय के पूर्व संस्कृत शिक्षक व पुरोहित सौरेंद्र नाथ चटर्जी पिछले दो दशक तक दिल्ली में अटल जी के निवास स्थान पर पूजा-पाठ करने जाते थे।
पंडित सौरेंद्र नाथ चटर्जी ने भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से मर्माहत है। इसकी सूचना मिलते ही पूरा परिवार शोक में डूबा हुआ है। पंडित सौरेंद्र नाथ चटर्जी ने बताया कि पिछले 22 साल से मेरा उनके साथ संबंध था। मैं 12 बार उनके घर पर गीता-पाठ, यज्ञ आदि करने के लिए गया था। इस विशेष पूजा में लाल कृष्ण आडवानी, सुषमा स्वराज, वैंकैया नायडू आदि बड़े दिग्गज नेता व मंत्री शरीक होते थे। पूजा के बाद जब अटल जी मेरे चरण छूने आते थे, मैं रोक देता था। मैं कहता-'आप मेरे बड़े भाई है।' उनके जाने से लगता है कि सचमुच मैंने अपना बड़ा भाई खो दिया। मैंने उनकी दत्तक पुत्री नमिता देवी व जमाई रंजन भट्टाचार्य को फोन पर सांत्वना दी। सौरेंद्र नाथ ने आगे बताया कि जब वें प्रधानमंत्री थे तभी से उनके साथ मेरा संपर्क था। मुझे इसका प्रचार करना अच्छा नहीं लगता था। वर्ष 1997 में मेरे एक शिष्य ने मुझे फोन पर बताया कि आपको प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के घर में नारायण पूजा करवानी है। यहीं से मेरा उनके साथ संपर्क शुरू हुआ। इसके बाद उन्होंने गीता पाठ की इच्छा जताई। जब मैंने गीता पाठ उनके घर में पूरा किया तो उन्होंने खूब तारीफ की। बकायदा मुझे प्रमाण-पत्र भी दिया। शिखर पर पहुंचकर भी वें काफी सरल थे। बड़ी आत्मीयता महसूस होती थी उनके साथ।
कैप्शन : अटल बिहारी वाजपेयी के साथ सौरेंद्र नाथ चटर्जी