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कोरोना के कहर से बचाने के लिए भक्तों ने की श्रीराम से प्रार्थना

-रामनवमी पर घर में दीप में जलाकर मनाई गयी रामनवमी -80 साल में पहली बार नहीं लगा चामुर्ची में मे

By JagranEdited By: Published: Thu, 02 Apr 2020 08:27 PM (IST)Updated: Fri, 03 Apr 2020 06:20 AM (IST)
कोरोना के कहर से बचाने के लिए भक्तों ने की श्रीराम से प्रार्थना
कोरोना के कहर से बचाने के लिए भक्तों ने की श्रीराम से प्रार्थना

-रामनवमी पर घर में दीप में जलाकर मनाई गयी रामनवमी

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-80 साल में पहली बार नहीं लगा चामुर्ची में मेला

जेएनए, चामुर्ची/उत्तर दिनाजपुर :रामनवमी का त्यौहार चामुर्ची इलाके में अत्यंत सादगी के साथ मनाया गया। कोरोना वायरस के चलते इन दिनों पूरा देश लॉक डाउन होने के कारण मंदिर में भी रामनवमी का त्यौहार चंद कुछ श्रद्धालुओं के साथ पूजा अर्चना के करके मनाया गया। भक्तों ने प्रभु श्री राम से कोरोना के कहर से बचाने के लिए प्रार्थना की। चामुर्ची स्थित बालाजी मंदिर में रामनवमी का त्यौहार को लेकर पूरी तरह से सामाजिक दूरी बनाए रखते हुए पूजा-अर्चना की गई। भगवान राम के प्रतिमा का पूजा अर्चना के साथ आरती उतारी गई। प्रतिवर्ष राम नवमी के अवसर पर चामुर्ची बालाजी मंदिर में भव्य रुप से झाकी निकाली जाती थी,जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित होकर रामनवमी का त्यौहार अत्यंत हर्ष-उल्लास के साथ मनाते थे। चामुर्ची के श्रद्धालु दीपक अग्रवाल ने बताया इस बार रामनवमी का त्यौहार अत्यंत सादगी के साथ मनाया गया, इसे लेकर हम लोग कुछ निराश तो जरूर है लेकिन कोरोना वायरस से जंग लड़ने के लिए पूरा देश एकजुट होकर सरकार के साथ है। अधिकाश लोगों ने अपने घर पर ही रामनवमी का त्यौहार पूजा अर्चना के साथ मनाया। आज रामनवमी के पर्व में भगवान राम से वैश्रि्वक महामारी के रूप धारण कर चुके जानलेवा कोविड-19 लोगों की रक्षा के लिए मन्नते मागी गई। प्रतिवर्ष न्यू डुआर्स चाय बागान में लगने वाले राम नवमी का मेला भी इस वर्ष कोरोना वायरस के संक्त्रमण के कारण नहीं लगने से श्रद्धालुओं में काफी निराशा देखी गई। न्यूडुआर्स चाय बागान के बाबुन गोप ने बताया न्यूडुआर्स में लगने वाले ऐतिहासिक रामनवमी का मेला गत 80 वषरें से लग रहा था। लेकिन इस वर्ष लॉक डाउन के चलते नहीं लगाने का निर्णय आयोजक कमेटी द्वारा लिया गया था।

दूसरी ओर इस्लामपुर में कोरोना वायरस के कारण इस्लामपुर में एक दशक में पहली बार रामनवमी पर शोभायात्रा नहीं निकाली गई। इसके कारण इस्लामपुर के आम लोगों में मायूसी जरूर थी,मगर कोरोना से मुकाबला करने के लिए यह जरूरी था।इसीलिए सब ने इस स्थिति को ध्यान में रखने हुए घर में रहकर ही मर्यादा पुरूषोत्तम की लीला का गुणगान किया।भगवान राम की पूजा अर्चना की मालूम हो कि रामनवमी पर शोभायात्रा राज्य के सबसे बड़े शोभा यात्राओं में से एक इस्लामपुर की रामनवमी की शोभायात्रा मानी जाती रही है। सिर्फ इस्लामपुर ही नहीं आसपास से लाखों लोग रामनवमी की शोभायात्रा में हिस्सा लेते आए थे।

कैप्शन : रामनवमी पर मंदिर में सन्नाटा


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