तबादले से अवसाद में आए मनोरोग चिकित्सक ने कर ली आत्महत्या
तबादले से परेशान चिकित्सक ने कूचबिहार के एक होटल के कमरे में शनिवार को हाथ की नस काटकर आत्महत्या कर ली। हाल ही में कूचबिहार के मेडिकल कॉलेज में तैनाती हुई थी।
By Rajesh PatelEdited By: Published: Sun, 30 Dec 2018 12:17 PM (IST)Updated: Sun, 30 Dec 2018 12:17 PM (IST)
कूचबिहार [संवादसूत्र]। तबादले से तंग आकर चिकित्सक ने कूचबिहार के शारदा होटल के 114 नंबर कमरे में शनिवार को हाथ की नस काटकर आत्महत्या कर ली। उनकी कुछ महीने पहले कूचबिहार के मेडिकल कॉलेज में मनोरोग चिकित्सक के रूप में नियुक्ति हुई थी। डॉ. श्रवण कांति कुमार (39) है। होटल के कमरे से सुसाइड नोट भी मिला है। खून से लथपथ हालत में कोतवाली थाना ने शव बरामद किया।
पुलिस अधीक्षक अभिषेक गुप्ता ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पूरे मामले की जांच की जा रही । होटल के कर्मचारियों ने पूरे घटना क्रम के बारे में बताया कि शुक्रवार को चिकित्सक ने होटल में कमरा बुक करवाया था। रात का खाना वे बाहर से खाकर आए थे। इसके बाद अपने कमरे में सो गए। इसके बाद उन्हें कमरे से बाहर नहीं देखा गया। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि उसके सुसाइड नोट में लिखा था- इस आत्महत्या के लिए कोई जिम्मेदार नहीं है। मेरे पास कोई दूसरा विकल्प नहीं था। मुझे तीन महीने पहले कूचबिहार मेडिकल कॉलेज में तबादला कर दिया गया था। यहां मैं काम नहीं कर पा रहा था। मैं मानसिक अवसाद से घिर गया था। सुसाइड नोट में चचेरे भाई का नाम और मोबाइल नंबर दिया गया था।
मृतक के भाई अनिक कामती ने बताया कि कोलकाता से कूचबिहार के लिए तबादले से वे डिप्रेशन में चले गए थे। इसके पहले वे कोलकाता में नेशनल मेडिकल कॉलेज में थे। तीन महीने पर उनका तबादला हुआ था। तबादले के बाद वे कूचबिहार के एमजेएन अस्पताल के पास एक होटल में रहते थे। बतादें कि इस हादसे की सूचना मिलते ही मृत चिकित्सक के परिजन कोलकाता से पहुंच गए हैं। उनके परिवार में तीन माह का बेटा, पत्नी और मां-पिता हैं।
पुलिस अधीक्षक अभिषेक गुप्ता ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पूरे मामले की जांच की जा रही । होटल के कर्मचारियों ने पूरे घटना क्रम के बारे में बताया कि शुक्रवार को चिकित्सक ने होटल में कमरा बुक करवाया था। रात का खाना वे बाहर से खाकर आए थे। इसके बाद अपने कमरे में सो गए। इसके बाद उन्हें कमरे से बाहर नहीं देखा गया। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि उसके सुसाइड नोट में लिखा था- इस आत्महत्या के लिए कोई जिम्मेदार नहीं है। मेरे पास कोई दूसरा विकल्प नहीं था। मुझे तीन महीने पहले कूचबिहार मेडिकल कॉलेज में तबादला कर दिया गया था। यहां मैं काम नहीं कर पा रहा था। मैं मानसिक अवसाद से घिर गया था। सुसाइड नोट में चचेरे भाई का नाम और मोबाइल नंबर दिया गया था।
मृतक के भाई अनिक कामती ने बताया कि कोलकाता से कूचबिहार के लिए तबादले से वे डिप्रेशन में चले गए थे। इसके पहले वे कोलकाता में नेशनल मेडिकल कॉलेज में थे। तीन महीने पर उनका तबादला हुआ था। तबादले के बाद वे कूचबिहार के एमजेएन अस्पताल के पास एक होटल में रहते थे। बतादें कि इस हादसे की सूचना मिलते ही मृत चिकित्सक के परिजन कोलकाता से पहुंच गए हैं। उनके परिवार में तीन माह का बेटा, पत्नी और मां-पिता हैं।
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