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खुद को जीवित साबित करने में वृद्धा को लगे दो साल

संवाद सूत्र, माथाभांगा : वृद्धा भत्ता के दम पर निशिगंज ग्राम पंचायत के पश्चिम चकिया के छड़ा गांव

By JagranEdited By: Published: Wed, 26 Sep 2018 07:38 PM (IST)Updated: Wed, 26 Sep 2018 07:38 PM (IST)
खुद को जीवित साबित करने में वृद्धा को लगे दो साल
खुद को जीवित साबित करने में वृद्धा को लगे दो साल

संवाद सूत्र, माथाभांगा : वृद्धा भत्ता के दम पर निशिगंज ग्राम पंचायत के पश्चिम चकिया के छड़ा गांव की पागला दासी दास(87) अपना और अपनी मूक-बधिर बेटी का पेट पालती थी। लेकिन पिछले दो साल से उसका वृद्धा भत्ता बंद कर दिया गया। जब वह इसका कारण जानने के लिए ब्लॉक प्रशासन के कार्यालय गयी, तो प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि इस नाम की महिला की मौत हो चुकी है। यह सुनकर वृद्धा के पांव के नीचे की जमीन खिसक गयी। उसे खुद को जिंदा साबित करने के लिए लगातार संघर्ष करती है। कार्यालय में आवेदन पर आवेदन देती रही। अंत में सरकारी तौर पर प्रमाणित हुआ कि वह जीवित है। पागला दासी ने बताया कि पिछले दो साल कैसे गुजरे, वह मैं ही समझ सकती हूं।

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इस संबंध में निशिगंज के एक नंबर ग्राम पंचायत के प्रधान निरंजन दास ने बताया कि जैसे ही मुझे पता चला मैंने इस विषय में बीडीओ से संपर्क किया। इसके बाद बीडीओ ने सभी तरह के दस्तावेज जमा करने की मांग की। दुबारा वृद्धा भत्ता पाने से पागला दासी काफी खुश है।

कैप्शन : पागला दासी को प्रमाण पत्र सौंपते अधिकारी


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