शाम होते ही चौराहाट बाजार अंधेरे में डूब जाता है
-सूरज की रोशनी के सहारे जिंदगी -सरकारी लाइट कई सालो से है खराब रख-रखाव की नहीं
-सूरज की रोशनी के सहारे जिंदगी
-सरकारी लाइट कई सालो से है खराब, रख-रखाव की नहीं है कोई व्यवस्था
संवाद सूत्र, दिनहाटा : हाईटेक युग में सभी कार्य बिजली के सहारे है। लेकिन चौराहाट बाजार में शाम होते ही जैसे जिदंगी थम जाती है। बाजार में लोगों को आवागमन कम हो जाता है। ऐसा नहीं है कि इस इलाके में बिजली का कनेक्शन नहीं है। लेकिन बिजली व्यवस्था के बावजूद लाइटें नहीं जलती। कई सालों से लोग अंधेरे में जीने को मजबूर हो गए है। सूरज की रोशनी में ही जिंदगी में चहलकदमी दिखती है। शाम होते ही मुश्किल से लोग घरों से निकलते है।
चौराहाट बाजार के सब्ती बिक्रेता सुनील कर्मकार ने बताया कि पहले यहां लाइट की व्यवस्था रहती थी। लेकिन बाद में यह बंद हो गया है। व्यवसायियों की ओर से नियंत्रित बाजार समिति को कई बार इसकी शिकायत की गई, लेकिन इसका समाधान नहीं हुआ। वहीं सब्जी व्यवसायी वैद्यनाथ साहा ने बताया कि सरकारी रूप से हमें शेड दिया गया है। हमें व्यक्तिगत रूप से बिजली की व्यवस्था करनी पड़ रही है। व्यवसायी रतन साहा ने बताया कि प्रत्येक स्टॉल से 164 रूपया प्रति माह लिया जाता है, लेकिन बिजली की कोई व्यवस्था नहीं है। पूरा बाजार अंधेरे में रहता है।
चौराहाट व्यवसायी समिति के सचिव नारायण साहा ने बताया कि पहले बाजार में लाइटें जलती थी। इसे लेकर नियंत्रित बाजार समिति को शिकायत की गयी। लेकिन इसका कोई समाधान नहीं हुआ।
इस संबंध में दिनहाटा महकमा शासक शेख अनवर अहमद ने बताया कि बाजार के पश्चिम प्रांत में बिजली की व्यवस्था नहीं है, इस विषय में हमें जानकारी नहीं है। इसे लेकर मैं कूचबिहार नियंत्रित बाजार समिति के साथ बात करूंगा और शीघ्र समाधान करने का प्रयास करूंगा :
कैप्शन : बगैर लाइट के बिजली का खंभा