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स्कूल में बिजली नहीं, अंधेरे व गर्मी में कार्य कर रहे शिक्षक

संवाद सहयोगी बर्नपुर बर्नपुर बारी विद्यालय हाईस्कूल में बिजली के बिना शिक्षकों को कार्य कर

By JagranEdited By: Published: Mon, 23 Aug 2021 11:20 PM (IST)Updated: Mon, 23 Aug 2021 11:20 PM (IST)
स्कूल में बिजली नहीं, अंधेरे व गर्मी में कार्य कर रहे शिक्षक
स्कूल में बिजली नहीं, अंधेरे व गर्मी में कार्य कर रहे शिक्षक

संवाद सहयोगी, बर्नपुर : बर्नपुर बारी विद्यालय हाईस्कूल में बिजली के बिना शिक्षकों को कार्य करना पड़ रहा है। अभी स्कूल बंद है, लेकिन शिक्षक व अन्य कर्मियों को स्कूल आना पड़ रहा है, ऐसे में अंधेरे में उनको काम करना पड़ रहा है। स्कूल में बर्न स्टैंडर्ड कंपनी की ओर से बिजली की आपूर्ति की जाती थी, लेकिन कंपनी के बंद होने के बाद बिजली भी कट गई। जिससे यह समस्या हो गई है।

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बर्नपुर बारी विद्यालय हाईस्कूल हिदी भाषी स्कूल है, यहां लगभग एक हजार से भी अधिक विद्यार्थी पढ़ते है। स्कूल जब बंद हुआ, इससे पहले से ही स्कूल में बिजली का अभाव है। स्कूल बंद है, लेकिन शिक्षकों का काम बंद नहीं है। शिक्षक स्कूल जा रहे है, विद्यालय के विभिन्न कार्यों को भी कर रहे हैं। बिजली न रहने के कारण शिक्षक गर्मी और अंधेरे में कार्य करने को विवश है। बर्न स्टैंडर्ड कंपनी के अंतर्गत बारी विद्यालय स्कूल चलता था। स्कूल में विद्युत परिचालन भी बर्न स्टैंडर्ड कंपनी ही करती थी। लेकिन कंपनी के वर्षों पहले बंद होने के बाद बर्न स्टैंडर्ड ने वैगन कालोनी के लोगों का पेयजल एवं विद्युत काट दिया गया। इसी कड़ी में स्कूल में भी विद्युत परिचालन बंद हो गया है। ऐसे में अगर कंप्यूटर का कार्य होता है तो स्कूल का स्टाफ घर से लैपटाप को चार्ज कर लाता है, तब कार्य होता है। स्कूल की ओर से जिला प्रशासन एवं डीआइ समेत सभी को लिखित रूप से दिया गया है, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ। जिला प्रशासन की ओर से चुनाव के दौरान मतदान के लिए स्कूल में अस्थायी रूप से बिजली कनेक्शन लिया गया था, लेकिन चार दिन बाद कनेक्शन को काट दिया गया। विद्युत परिचालन के लिए एनओसी बर्न स्टैंडर्ड की ओर से नहीं दिए जाने से समस्या आ रही है।

आवेदन के बाद भी नहीं हुई कोई व्यवस्था : स्कूल के शिक्षक प्रभारी रामाकांत सिंह यादव ने कहा कि स्कूल में बिजली के बिना ही कार्य हो रहा है। आवेदन और शिकायत करने के बाद भी इस स्कूल में विद्युत के प्रति किसी ने भी सजगता नहीं दिखाई। सरकार व जिला प्रशासन की ओर से कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया है। मजबूरन बिना विद्युत के ही स्कूल के कार्य करने पड़ रहे है।


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