व्यावसायिक खनन की नीलामी से राज्यों को मिलेगा 6.656 करोड़ का राजस्व
सांकतोड़िया राष्ट्र की सबसे पहली व्यवसायिक कोयला खनन नीलामी की ऐतिहासिक सफलता से राज्या
सांकतोड़िया : राष्ट्र की सबसे पहली व्यवसायिक कोयला खनन नीलामी की ऐतिहासिक सफलता से राज्यों को कुल 6,656 करोड़ रुपये का वार्षिक राजस्व मिलेगा। 19 खदानों की सफलता पूर्वक नीलामी कर ली गई है, जो कि कोयला खदानों की नीलामी के किसी भी चरण में नीलामी की गई खदानों की अब तक की सबसे अधिक संख्या है। झारखंड को सबसे अधिक 2,690 करोड़ रुपये का सालाना राजस्व मिलेगा, जबकि मध्य प्रदेश को 1,724 करोड़ रुपये का वार्षिक राजस्व प्राप्त होगा। ओडिशा को 1,059 करोड़ रुपये, छत्तीसगढ़ को 863 करोड़ रुपये और महाराष्ट्र को 321 करोड़ रुपये का वार्षिक राजस्व मिलेगा। उक्त बातें केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सोमवार को नीलामी की बोली प्रकिया की समाप्ति के बाद नई दिल्ली में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कही। कहा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में कोयला क्षेत्र में प्रवेश के रास्ते खोलने का निर्णय सही दिशा में लिया गया निर्णय था। सरकार के इस कदम से देश कोयला क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में तेजी से अग्रसर हो रहा है। बोली प्रकिया के दौरान खदानों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिली और कंपनियों ने शानदार प्रीमियम दिए हैं। नीलामी के लिए प्रस्तावित कीं गई 38 खदानों में से 19 खदानों के लिए वित्तीय बोलियां प्राप्त की गई और नीलामी की सफलता दर 50 फीसद रही। इससे पहले के 10 चरणों में नीलामी के प्रस्तुत कुल 116 खदानों में से 35 खदानों की नीलामी के साथ सफलता दर केवल 30 फीसद रही थी।
नीलाम की गई 19 खदानों में से 11 ओपनकास्ट, पांच अंडरग्राउंड और तीन अंडरग्राउंड एवं ओपन कास्ट मिश्रित खदानें हैं। ये खदानें पांच राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, झारखंड एवं महाराष्ट्र में स्थित हैं। इनकी सम्मिलित सालाना अधिकतम उत्पादन क्षमता 51 मिलियन टन आंकी गई है।