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आदिवासियों के अधिकार हनन का विरोध

आसनसोल: आदिवासियों के अधिकार हनन के खिलाफ पश्चिम बंग आदिवासी अधिकार मंच की ओर से मंगलवार को शहर में

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Mar 2019 09:27 AM (IST)Updated: Wed, 20 Mar 2019 09:27 AM (IST)
आदिवासियों के अधिकार हनन का विरोध
आदिवासियों के अधिकार हनन का विरोध

आसनसोल: आदिवासियों के अधिकार हनन के खिलाफ पश्चिम बंग आदिवासी अधिकार मंच की ओर से मंगलवार को शहर में प्रतिवाद जुलूस निकाला गया। बाद में एक प्रतिनिधिमंडल ने एसडीओ को मांगपत्र सौंपा। इस दौरान रवींद्र भवन के समक्ष आदिवासियों की सभा को संबोधित करते हुए मंच के जिला सचिव विनय हांसदा ने कहा कि वन क्षेत्र पर आदिवासियों का शुरू से अधिकार रहा है। लेकिन उच्चतम न्यायालय के एक निर्णय से उनका अधिकार खतरे में पड़ गया है। वह लोग न्यायालय में अपील कर रहे कि उन्हें दिए गए अधिकार से वंचित न किया जाए। कहा कि आदिवासियों की जमीन पर खुली खदानें खोली जा रही है। इसके बदले आदिवासियों को कोई मुआवजा नहीं दिया जा रहा है। यहां तक कि उन्हें जिस जगह पर पुनर्वासित किया जा रहा उसका कोई वैद्य कागजात भी नहीं दिया जा रहा। पुनर्वासन की जगह पर प्रदूषण के कारण लोग गंभीर बीमारी से ग्रसित हो रहे। उनकी मांग है कि आदिवासी इलाकों में आइसीडीएस सेंटर व स्कूल हो। विशेष रूप से ओलचिकी भाषा में पढ़ाई हो और संथाली शिक्षक नियुक्त किये जाए। सरकारी कार्यालयों में अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति का जाति प्रमाण पत्र बनवाना टेढ़ी खीर हो गया है। दूसरी ओर जाली सर्टिफिकेट वाले चांदी काट रहे है। इन्ही सभी मांगों को लेकर वह लोग एसडीओ को ज्ञापन सौंप रहे है। मौके पर मंच के अध्यक्ष शिवम किस्कू, मनोज सोरेन, अजीत कोड़ा, नारायण बाउरी के अलावा उनके समर्थन में माकपा के जिला नेता पार्थ चक्रवर्ती हेमंत सरकार व मनोज दास भी उपस्थित थे।

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