प्रेमचंद की रचनाएं सामाजिक सरोकारों से ओतप्रोत
आसनसोल:बीबी कॉलेज हिन्दी विभाग की ओर से कॉलेज में मुंशी प्रेमचंद के उपन्यास सेवा सदन के सौ
आसनसोल:बीबी कॉलेज हिन्दी विभाग की ओर से कॉलेज में मुंशी प्रेमचंद के उपन्यास सेवा सदन के सौ वर्ष पूरे होने पर सेमिनार का आयोजन किया गया। सेवा सदन के सौ वर्ष और भारतीय समाज का बदलता स्वरूप विषयक इस सेमिनार में विभिन्न अंचल से वक्ता आये थे। इसमे मुख्य वक्ता गिरिडीह स्थित आरके महिला महाविद्यालय के बलभद्र जी ने कहा कि प्रेमचंद की सभी रचनाएं सामाजिक सरोकारों से ओतप्रोत हैं। सेवा सदन उनका ऐसा ही उपन्यास है, जो इस साल सौ वर्ष पूर्ण कर रहा है। एक शताब्दी के लम्बे अंतराल के बावजूद यह आज भी इसलिए प्रासंगिक है, क्योंकि इसकी नायिका का जीवन नारी जीवन की समस्याओं के साथ-साथ धर्माचार्यों के ढोंग,पाखंड, दोहरे चरित्र और समाज में व्याप्त दहेज-प्रथा, बेमेल विवाह जैसी सामाजिक कुरीतियों पर कटाक्ष करता नजर आता है। इस दौरान नेट की परीक्षा में सफलता हासिल करने वाले टीडीबी कालेज की 3, आसनसोल गर्ल्स के 3 तथा बीबी कालेज के 2 विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया। इसकी अध्यक्षता कालेज के प्राचार्य डा. अमिताभ बसु ने किया। विषय प्रवर्तन डा. अरुण पांडेय ने किया। संचालन डा. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा ने किया। धन्यवाद ज्ञापन ब्रजेश पांडे ने किया। इस दौरान आसनसोल गर्ल्स कालेज के विभागाध्यक्ष . केके श्रीवास्तव, बीसी कालेज के बिजय नारायण, कथाकार सृंजय मिश्रा, टीडीबी कालेज की मंजुला शर्मा, विद्यासागर विश्वविद्यालय के डा. श्रीकांत द्विवेदी आदि उपस्थित थे।