West Bengal Chunav: दीदी के नवरत्न में एक थे जितेंद्र, इसलिए सिर्फ उन्हीं के लिए आए अमित शाह
पांडवेश्वर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार जितेंद्र तिवारी महज कुछ महीने पहले तक ममता दीदी के नवरत्न में एक रहे हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें भाजपा में शामिल कराया था। कई नेताओं की आपत्ति के बावजूद अमित शाह ने उन्हें भाजपा का झंडा थमवाया था।
अश्विनी रघुवंशी, पांडवेश्वर! पांडवेश्वर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार जितेंद्र तिवारी महज कुछ महीने पहले तक ममता दीदी के नवरत्न में एक रहे हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें भाजपा में शामिल कराया था। केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो, अग्निमित्रा पाल, सायंतन बसु जैसे कई नेताओं की आपत्ति के बावजूद अमित शाह ने उन्हें भाजपा का झंडा थमवाया था। कोलकाता में दिलीप घोष की मौजूदगी में वे भाजपा में शामिल हुए थे।
ममता दीदी किसी भी हालत में जितेंद्र तिवारी की पराजय चाहती है। न सिर्फ दबंग छवि के नरेंद्र नाथ चक्रवर्ती को टिकट दिया गया बल्कि वीरभूम के बाहूबलि अनुब्रत मंडल को पांडवेश्वर विधानसभा क्षेत्र का जिम्मा दे दिया गया। अमित शाह किसी भी हालत में दीदी के उन सारे नवरत्न की जीत चाहते हैं जो अब भाजपा में आ चुके हैं। इसलिए उन्होंने बाबुल सुप्रियो के संसदीय क्षेत्र की सात विधानसभा सीटों में सिर्फ पांडेश्वर में चुनावी सभा की।
चुनावी सभा में मौजूद लोगों को उन्होंने सार्वजनिक तौर पर अहसास भी कराया कि जितेंद्र तिवारी को उनका भरपूर आशीर्वाद है। जितेंद्र ने उनके पांव छुए तो अमित शाह ने जोर से पीठ ठोंकी। लोगों से अपील की कि टीएमसी के गुंडों से डरे बिना बेखौफ बूथ पर जाकर जितेंद्र तिवारी की जीत सुनिश्चित करने के लिए मतदान करें। 2014 के लोकसभा चुनाव में आसनसोल से बाबुल सुप्रियो की विजय के बाद ममता बनर्जी ने जितेंद्र तिवारी (Jitendra Tiwari) के सर पर हाथ रखा था।
हिन्दी भाषी नेता के तौर पर उभर रहे जितेंद्र तिवारी को दीदी ने पहले आसनसोल नगर निगम का मेयर बनाया। फिर 2016 के विधानसभा चुनाव में उन्हें पांडवेश्वर से टीएमसी का टिकट दिया गया। दीदी ने खुद पांडवेश्वर आकर जितेंद्र तिवारी के लिए लोगों से समर्थन मांगा था। जितेंद्र विधायक चुने गए। 2019 में आसनसोल से दोबारा बाबुल सुप्रियो जीत गए थे तो दीदी ने उन्हें जिलाध्यक्ष की जवाबदेही भी दी थी। दीदी के घर में उनकी सीधी पहुंच थी। विधानसभा चुनाव के ठीक पहले जितेंद्र तिवारी के भाजपा में जाने की बात उठ गई।
दीदी ने उन्हें समझाया। राष्ट्रीय प्रवक्ता की जवाबदेही दी। अमित शाह (Amit Sah) भांप चुके थे कि सुवेंदु अधिकारी, राजीव बनर्जी की तरह जितेंद्र तिवारी भी दीदी के खास सेनापति हैं। इसलिए उन्होंने पार्टी के भीतर के सारे विरोध को दरकिनार कर जितेंद्र तिवारी को न सिर्फ भाजपा में शामिल कराया अपितु उन्हें पांडवेश्वर में कमल फूल खिलाने की जवाबदेही भी दी गई। अमित शाह को जानकारी दी गई कि जितेंद्र तिवारी की सियासत में मट्ठा डालने के लिए दीदी ने अनुब्रत मंडल (Anubrat Mandal) को खास जिम्मा दिया है। इसके बाद अति व्यस्तता के बीच उन्होंने पांडवेश्वर जाने का फैसला लिया।
मदारबनी दुर्गा मंदिर के नजदीक विशाल मैदान में चिलचिलाती धूप में अमित शाह ने जितेंद्र तिवारी को खुलेआम आशीर्वाद दिया। भाजपा के राष्ट्रीय सचिव अरविंद मेनन, मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, सौरभ सिकदर, दिग्विजय सिंह, घनश्याम राम जैसे दर्जनों राष्ट्रीय, प्रांतीय एवं जिला स्तरीय नेताओं की मौजूदगी में उन्होंने इशारा भी कर दिया कि पांडवेश्वर भाजपा के लिए बेहद अहम सीट है।