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जब तक समाज में शोषण रहेगा, याद आएंगे नजरूल

जागरण संवाददाता, आसनसोल : विद्रोही कवि काजी नजरूल इस्लाम की पुण्यतिथि बुधवार को आसनसोल नगरनि

By JagranEdited By: Published: Wed, 29 Aug 2018 08:08 PM (IST)Updated: Wed, 29 Aug 2018 08:08 PM (IST)
जब तक समाज में शोषण रहेगा, याद आएंगे नजरूल
जब तक समाज में शोषण रहेगा, याद आएंगे नजरूल

जागरण संवाददाता, आसनसोल : विद्रोही कवि काजी नजरूल इस्लाम की पुण्यतिथि बुधवार को आसनसोल नगरनिगम की ओर से मनाई गई। आश्रम मोड़ स्थित विद्रोही कवि की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। जहां अतिथियों ने उन्हें माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी।

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इस अवसर पर चेयरमैन अमरनाथ चटर्जी ने कहा कि मनुष्य का शरीर मर जाता है। लेकिन उनके आदर्श कभी नहीं मरते हैं। नजरूल ने अपनी रचनाओं से समाज के शोषण का विरोध किया था। उनकी रचनाएं आज भी प्रासंगिक हैं। समाज में जब तक शोषण रहेगा तब तक नजरूल अपनी रचनाओं के माध्यम से जीवित रहेंगे। उन्होंने कहा कि विद्रोही कवि काजी नजरूल इस्लाम की जन्मभूमि चुरुलिया आसनसोल से चंद किमी. दूर स्थित है। यहां के लोगों को गर्व होना चाहिए कि यहां जन्म लेकर उन्होंने पूरे विश्व में ख्याति प्राप्त की।

वहीं चांदा में नजरूल प्रतिमा पर मेयर परिषद सदस्य पूर्णशशि राय ने माल्यदान किया। इस अवसर पर चेयरमैन अमरनाथ चटर्जी, मेयर परिषद सदस्य अभिजीत घटक, पार्षद गुरुदास चटर्जी राकेट, राजा चटर्जी, पूर्व एमआइसी रबिउल इस्लाम, आदि ने माल्यार्पण किया।


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