जिले के 65 मतदान केंद्रों का होगा स्थानांतरण
जागरण संवाददाता, आसनसोल: लोकसभा चुनाव में भले ही अभी कई माह की देरी है। लेकिन चुनाव आयो
जागरण संवाददाता, आसनसोल: लोकसभा चुनाव में भले ही अभी कई माह की देरी है। लेकिन चुनाव आयोग के निर्देश पर जिला प्रशासन ने चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी है। अब प्रत्येक सप्ताह चुनाव संबंधी हो रहे कार्यों की समीक्षा को लेकर डीएम की अध्यक्षता में बैठक होगी। शुक्रवार को जिला मुख्यालय में जिला शासक सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी शशांक सेठी की अध्यक्षता में हुई अधिकारियों की बैठक में उक्त निर्णय लिया गया। बैठक में एडीएम चुनाव सेल अ¨रदम राय, जिला चुनाव सेल प्रभारी सौम्य चट्टोपाध्याय, एसडीओ सदर प्रलय रायचौध्ररी, एसडीओ दुर्गापुर समेत जिले के सभी ईआरओ उपस्थित थे।
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मतदान केंद्रों का सुव्यवस्थीकरण जल्द पूरा करें: जिले के मतदान केंद्रों का सुव्यवस्थीकरण प्रक्रिया को जल्द पूरा करने को लेकर कहा गया कि जिले में 65 मतदान केंद्रों का अन्यत्र स्थानांतरण और 62 मतदान केंद्रों को विभाजित किया जाना है। वर्तमान में जिले में 2381 मतदान केंद्र है। इससे संबंधित प्रस्ताव मुख्य चुनाव अधिकारी के माध्यम से केंद्रीय चुनाव आयोग को भेजा गया है। अनुमति मिलते ही सुव्यवस्थीकरण कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
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जरूरत पर दूसरे जिले भी जाएंगे मतदान कर्मी :
चुनाव आयोग ने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि मतदान कर्मियों का विस्तृत ब्योरा तैयार करें। दरअसल आयोग देखना चाह रही है कि किस जिले में मतदान कर्मी से संबंधित योग्यता वाले कितने लोग है। जरूरत पड़ने पर इन्हें न केवल एक से अधिक चरणों के मतदान के कार्य में लगाया जाएगा बल्कि दूसरे जिले में भी मतदान संपन्न कराने का दायित्व भी सौंपा जाएगा।
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वाहनों का आंकड़ा भी हो रहा एकत्र: चुनाव आयोग ने जिले में बस, ट्रक, कार व अन्य चार पहिया वाहनों का पूरा विस्तृत ब्योरा तैयार करने का निर्देश दिया है। ताकि मतदान के दौरान जरूरत के अनुसार जिस जिला में वाहनों की संख्या कम होगी वहां बहुलता वाले स्थान से वाहन भेजा जा सके।
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बन रहा ईवीएम वेयर हाउस:
पश्चिम वर्द्धमान जिला के लिए ईवीएम वेयर हाउस केएसटीपी में बनाया जा रहा है। इसका निर्माण अंतिम चरण में है। यहां वीवी पैट मशीन और ईवीएम को सुरक्षित रखा जाएगा।
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पहली सितंबर से पुनरीक्षण कार्य: बैठक के दौरान बताया गया कि संक्षिप्त मतदाता पुनरीक्षण का कार्य पहली सितंबर से शुरू होगा। इस दौरान पहली जनवरी 2019 को 18 या उससे अधिक उम्र वालों को मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने को बूथ स्तर पर अभियान चलेगा। पुनरीक्षण में दर्ज कराये गये नये मतदाताओं का नाम 10 जनवरी 2019 को प्रकाशित होगा।
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बाक्स में
वीवी पैट से लैस होगा लोस का हर मतदान केंद्र : लोकसभा चुनाव में जिले के सभी मतदान केंद्रों पर पहली बार वीवी पैट मौजूद रहेगा। इससे ईवीएम के जरिये मतदान पर संदेह समाप्त हो जाएगा। वोटर वेरिफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेलर मशीन के माध्यम से वोट डालने के बाद तुरंत ही कागज की एक पर्ची बनती है, जिस पर जिस उम्मीदवार को मत दिया उसका नाम और चुनाव चिन्ह छपा होता है। ये व्यवस्था इसलिए की जाती है ताकि कोई विवाद न हो। ईवीएम में पड़े वोट से पर्ची का मिलान किया जा सकता है। हालांकि इसे लेकर चुनाव आयोग ने काफी सख्त नियम बनाएं है। अगर कोई व्यक्ति ये दावा करता है कि उसने जिस प्रत्याशी को वोट दिया है पर्ची उस प्रत्याशी के चुनाव चिन्ह की नहीं निकली है तो उसे एक घोषणा पत्र भरकर देना होगा। इसके बाद इसकी जांच की जाएगी और अगर दावा गलत निकला तो मतदाता को छह माह की जेल या एक हजार रूपये जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है।