जुलाई में पहली बार लाभ कमाया था आइएसपी
बर्नपुर : सेल की बर्नपुर स्थित ईस्को स्टील प्लांट (आइएसपी) का ब्लास्ट फर्नेस ठंडा पड़ने से उत्प
बर्नपुर : सेल की बर्नपुर स्थित ईस्को स्टील प्लांट (आइएसपी) का ब्लास्ट फर्नेस ठंडा पड़ने से उत्पादन बंद है। जिससे प्रबंधन भी परेशान हैं। प्लांट में उत्पादन चालू करने के लिए प्रबंधन की ओर से लगातार प्रयास किया जा रहा है। आइएसपी प्लांट का विलय वर्ष 2006 में सेल के साथ हुआ था। जहां आधुनिकीकरण का कार्य किया गया। जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 मई वर्ष 2016 को प्लांट को राष्ट्र को समर्पित किया था। अधिकारियों के लिए सबसे बड़ी ¨चता का विषय है कि आधुनिकीकरण के बाद आइएसपी नुकसान में ही चलता था। आधुनिकीकरण के दो वर्ष बाद इस वर्ष जुलाई में पहली बार लाभ कमाया था, जिससे आइएसपी के श्रमिकों व अधिकारियों में खुशी थी। लेकिन पिछले 15 अगस्त से उत्पादन ठप होने से अधिकारी भी परेशान हैं। प्लांट बंद होने से जो नुकसान हुआ है, इससे उबरना भी प्लांट के लिए ¨चता का विषय है। वर्तमान समय में आइएसपी की वार्षिक उत्पादन क्षमता 45 लाख टन विक्रेय इस्पात और 25 लाख टन पिग आयरन बनाने की है।
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कौन-कौन विभाग है प्रभावित : ब्लास्ट फर्नेस विभाग के ब्रेक डाउन होने के कारण कई विभाग प्रभावित हुए हैं। इनका उत्पादन भी पूरी तरह से प्रभावित हुआ है। इससे प्रभावित होनेवाले विभागों में बेसिक आक्सीजन फर्नेस, ब्लास्ट फर्नेस, कंटीनीउअस का¨स्टग प्लांट और मिल सेक्शन में यूनिवर्सल सेक्शन मिल, बार मिल, वॉयर रॉड मिल में उत्पादन प्रभावित हुआ है। जहां पूरी तरह उत्पादन ठप है।
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तापमान बढ़ाने में जुटे एक्सपर्ट, पोस्को की टीम भी पहुंची : बीएमएस नेता रवि शंकर ¨सह ने कहा कि प्लांट में ¨सगल फर्नेस है। अभी प्लांट में उत्पादन पूरी तरह ठप पड़ा हुआ है, जो कंपनी हित में काफी दुखद विषय है। ब्लास्ट फर्नेस का तापमान कम हो गया है, इसे लगातार बढ़ाने की कोशिश हो रही है। अभी 1100 डिग्री तक तापमान को पहुंचाया गया है। फर्नेस को चलाने के लिए 1400 डिग्री होना आवश्यक है। पोस्को की टीम भी फर्नेस के लिए पहुंची है। एक दो दिन में प्लांट फिर से शुरू हो सकता है। किसी चूक के कारण यह घटना हुई है, लेकिन अभी आरोप-प्रत्यारोप करने के बजाय प्लांट को चालू करने की जरूरत है।
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इनसेट :
श्रमिक संगठनों ने की दोषियों पर कार्रवाई की मांग
संस, बर्नपुर : बर्नपुर के आइएसपी प्लांट में उत्पादन बंद होने को ट्रेड यूनियन भी गंभीर मामला मान रहे हैं एवं इसकी जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। एबीके मैटल वकर्स यूनियन सीटू के उपाध्यक्ष विमल दत्त ने कहा कि तकनीकि समस्या प्लांट में हो ही सकती है। लेकिन प्रबंधन को और सक्रियता बरतनी चाहिए थी। भारत वर्ष का सबसे आधुनिक प्लांट आइएसपी है। इसमें एक ही फर्नेस है, यह ध्यान में रखना चाहिए। प्लांट को जल्द चालू करने की दिशा में प्रबंधन को कदम उठाना चाहिए।
एचएमएस यूनियन के नेता मुमताज अहमद ने कहा कि प्लांट ठप होने से बहुत अधिक का नुकसान हुआ है। आइएसपी काफी नाजुक दौर से निकलकर अच्छी जगह आया था। मगर प्लांट में उत्पादन बंद होने से काफी हानि हुई है। इसमें जो भी दोषी है, उनके ऊपर सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। एटक यूनियन के सयुंक्त सचिव आरएन ¨सह ने कहा कि प्लांट के ठप होने में पूरी तरह से प्रबंधन जिम्मेदार है। ब्लास्ट फर्नेस में दो-दो जीएम तैनात हैं। ब्लास्ट फार्नेस में एक्सपर्ट की कमी है। राम भरोसे फर्नेस चल रहा है।