सेल आइएसपी में असरदार रही श्रमिक संगठनों की हड़ताल
संवाद सहयोगी बर्नपुर वेतन समझौते की मांग पर श्रमिक संगठनों के साथ-साथ गैर कार्यपालक श्रमिक
संवाद सहयोगी, बर्नपुर : वेतन समझौते की मांग पर श्रमिक संगठनों के साथ-साथ गैर कार्यपालक श्रमिकों की बुधवार को हड़ताल आइएसपी में असरदार रही। हड़ताल समर्थक श्रमिक आइएसपी के चारों गेट पर देर रात से ही तैनात रहे। हड़ताल के दौरान जो श्रमिक ड्यूटी करने प्लांट में जा रहे थे, उन्हें गेट से ही वापस लौटा दिया गया। पुलिस एवं सीआइएसएफ जवानों को भी भारी संख्या में तैनात किया गया था। कई बार हड़ताल समर्थक श्रमिकों के साथ सीआइएसएफ जवानों की धक्का-मुक्की की स्थिति भी बनी। गेट पर तनाव का भी माहौल था।
चार सेंट्रल ट्रेड यूनियन में सीटू, बीएमएस, एटक और एचएमएस की ओर से बुलाई गई देशव्यापी सेल यूनिट में हड़ताल का असर समस्त यूनिटों के साथ-साथ बर्नपुर में भी असरदार रहा। सेल कर्मियों के 54 माह से लंबित वेतन समझौता को लेकर एनजेसीएस की बैठकों में सेल कर्मियों को 35 प्रतिशत पर्क्स देने के लिए प्रबंधन तैयार नहीं हुआ। सिर्फ 13 प्रतिशत एमजीबी पर दोनों पक्षों की सहमति बनी, जबकि 9 प्रतिशत पेंशन के अलावा ठेका श्रमिकों की वेतन समझौता, कोलकाता से आरएमडी कार्यालय बोकारो अथवा भिलाई में स्थानांतरित करने को लेकर हड़ताल की गई थी। हड़ताल को सफल करने के लिए बुधवार अहले सुबह से ही व्हीकल गेट, सारमारा गेट, टनल गेट एवं स्कोव गेट पर चारों यूनियन के समर्थक अपने दल का झंडा लेकर तैनात थे। हड़ताल को सफल बनाने में मजदूर एकता दिखी। जिस कारण प्लांट में 90 प्रतिशत स्थायी श्रमिक कारखाना नहीं गए। सीटू के जिला अध्यक्ष वंश गोपाल चौधरी ने कहा कि आज की हड़ताल ऐतिहासिक थी। जिसने सेल प्रबंधन की जड़ों को हिला कर रख दिया। मजदूरों की अपनी मांगों के लिए आगे भी लड़ाई लड़ी जाएगी।
एटक यूनियन के आरएन सिंह ने कहा कि हड़ताल से पहले इंटक के हट जाने से हड़ताल पर कोई फर्क नही पड़ा, लेकिन इंटक का दोहरा चरित्र झलक गया कि वो लोग मजदूर विरोधी है। बीएमएस के बर्नपुर सचिव विजय कुमार ने कहा कि हड़ताल को सफल करने के लिए मजदूर धन्यवाद के पात्र है।
एचएमएस के मुमताज अहमद ने कहा कि उनके जीवन में ऐसी हड़ताल कभी नही हुई। जिसमें मजदूरों की एकता के सामने सेल ने घुटने टेक दिए। कारखाना के कई सेक्शन बंद रहे।
ड्यूटी जाने एवं आने वाले श्रमिकों को हुई परेशानी : आइएसपी में हड़ताल के दौरान ड्यूटी पर जाने या आने वाले श्रमिक ही नहीं अधिकारियों को भी प्रत्येक गेट पर परेशानी हुई। इसमें कई श्रमिकों को गेट से ही लौटा दिया गया। इसके अलावा जो श्रमिक कार्य कर निकल रहे थे, उनको हड़ताल समर्थक श्रमिक ताली बजा-बजाकर बेइज्जत कर रहे थे। हालांकि सीआइएसएफ के जवान उन श्रमिकों को कोई परेशानी न हो इसके लिए उन्हें सुरक्षा देने के लिए कई बार हड़ताल समर्थक श्रमिकों से उलझते भी रहे। विशेषकर स्कोव गेट, टनल गेट, व्हीकल गेट पर कई बार झड़प की भी स्थिति बनी। प्लांट में श्रमिकों के नहीं पहुंच पाने से प्लांट का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा ब्लास्ट फार्नेस और बैटरी को भी चलाने में प्रबंधन को परेशानी हुई। वही प्लांट से लौट रहे श्रमिकों का आरोप था कि हड़ताल समर्थक श्रमिकों ने उनके साथ गलत व्यवहार किया।
अधिकारियों की सौ, ठेका श्रमिकों की 80 प्रतिशत उपस्थिति : आइएसपी प्रबंधन की माने तो अधिकारियों की उपस्थिति 100 प्रतिशत थी, ठेका श्रमिकों की उपस्थिति 70 से 80 प्रतिशत थी, जबकि गैर कार्यपालकों की उपस्थिति महज 10 प्रतिशत ही थी। प्रबंधन ने प्लांट का परिचालन सामान्य बताया। जबकि श्रमिक संगठनों ने इस हड़ताल को सफल बताया और इसका असर उत्पादन पर पड़ने की बात कही।