कृतित्व बताता लेखक का व्यक्तित्व
जागरण संवाददाता, आसनसोल : आसनसोल हिन्दी गवेषक परिषद की ओर से उषाग्राम स्थित हिन्दी भवन में र
जागरण संवाददाता, आसनसोल : आसनसोल हिन्दी गवेषक परिषद की ओर से उषाग्राम स्थित हिन्दी भवन में रविवार को कथाकार रविशंकर ¨सह केन्द्रीय परिचर्चा का आयोजन किया गया। उनके कथा संग्रह तुमको नहीं भूल पायेंगे तथा एक बुलेटिन का संयुक्त रूप से अतिथियों ने लोकार्पण किया। परिचर्चा का विषय रविशंकर का व्यक्तित्व एवं कृतित्व था। डा. मनोज कुमार ¨सह ने स्वागत भाषण दिया। संचालन उदित नारायण ने किया।
डॉ. संजय पासवान ने जीवन परिचय पेश किया। डा. योगेन्द्र ¨सह ने कहा कि कविता में विषय और शब्दों को छोड़कर आगे बढ़ा जा सकता है, लेकिन कहानी में ऐसा नहीं है, पाठक इसे पकड़ता है। कहानियों में हमें वर्तमान समय से जुड़कर उसके विषय में लिखना चाहिए। डॉ. रविशंकर ¨सह ने सामाजिक पीड़ा, छटपटाहट को रुमानी रूप देकर धरातल पर लाने का प्रयास किया है। किशन कालजयी ने कहा कि गांव और किसान नहीं बचेगा तो देश भी नहीं बचेगा। इस संदर्भ में डा. ¨सह की कहानियां महत्वपूर्ण है।
सृंजय ने कहा कि लेखक के व्यक्तित्व का पता उसके कृतित्व से चलता है। तुमको नहीं भूल पाएंगे केवल कहानी नहीं बल्कि इसमें कई विमर्श छिपा हुआ है। इसमें स्त्रियों की वर्तमान स्थिति का चित्रण है। प्रो. दामोदर मिश्र ने कहा कि इंसान का सम्मान करना सीख जायें, तो दुनिया में मानवता का सम्मान होगा। टूटने की प्रणाली को रोका नहीं जा सकता है, बल्कि उसके विकल्प की तलाश की जानी चाहिए। इस भूमंडलीकरण के परिवेश में आदमी के अंदर असुरक्षा की भावना, मूल्य क्षरण, सांस्कृतिक विघटन, नारी उत्पीड़न, सांप्रदायिक वैषम्य आदि चुनौतियां बनी हुयी है। डा. ¨सह की कहानियां इन चुनौतियों का साक्षात्कार करता है।
इस मौके पर परिषद के डॉ. विजेन्द्र कुमार, मुकेश झा, राहुल देव पांडेय, दिनेश राम, जयराम पासवान, विजय रवानी, संजय ¨सह, संजय साव, सोनी कुमारी, अंजना झा, सावित्री कुमारी, अंजना दे आदि उपस्थित थे।