कोरोना पीड़ित महिला का कराया गया प्रसव
आसनसोल आसनसोल जिला अस्पताल में सरकार से मान्यता प्राप्त कोविड-19 अस्पताल नहीं होने के बावजूद
आसनसोल : आसनसोल जिला अस्पताल में सरकार से मान्यता प्राप्त कोविड-19 अस्पताल नहीं होने के बावजूद चिकित्सकों की टीम ने यहां एक कोरोना संक्रमित गर्भवती महिला का प्रसव कराकर मिसाल पेश की है। मंगलवार को ऑपरेशन के बाद महिला ने पुत्री को जन्म दिया। अस्पताल के प्रसूति विशेषज्ञ डॉ. तपन बनर्जी के नेतृत्व में टीम ने ऑपरेशन किया। जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ बताए जा रहे हैं। फिलहाल दोनों को आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है। शिशु कोरोना संक्रमित है या नहीं इसकी जांच अभी नहीं की गई है। एक-दो दिन में इसकी जांच की जाएगी। अस्पताल सूत्रों ने बताया कि 25 वर्षीय महिला आसनसोल के अपर चेलीडांगा निवासी है। मंगलवार की सुबह परिजनों ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया। परिजनों ने बताया था कि वह कोरोना संक्रमित है। जिसके बाद अस्पातल के चिकित्सक एवं कर्मी भी आतंकित हो गए थे। वे लोग ऑपरेशन के लिए राजी नहीं हो रहे थे। उनका कहना था कि यह कोविड 19 अस्पताल नहीं है, यहां इस तरह के संसाधन भी नहीं है। इसलिए महिला को यहां भर्ती न करें। इसकी जानकारी होने पर जिले के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अश्विनी कुमार माझी ने अस्पताल अधीक्षक डॉ. निखिल चंद्र दास से बात की। इसके बाद कर्मी एवं चिकित्सक ऑपरेशन के लिए राजी हुए। दोपहर को पूरी सुरक्षा के साथ ऑपरेशन किया गया। गौरतलब है कि जिले में एकमात्र कोविड 19 अस्पताल दु्र्गापुर में है। वहां भी प्रसव की व्यवस्था नहीं है। अस्पताल अधीक्षक डॉ. निखिल चंद्र दास ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के निर्देशानुसार इलाज के लिए सारे इंतजाम किए गए थे। गर्भवती महिलाओं को लेकर थोड़ा खतरा रहता है। गर्भवती कोरोना संक्रमित है, इसलिए रिस्क ज्यादा था। उसकी जो स्थिति थी, उसे रेफर नहीं किया जा सकता था। पहले चिकित्सक राजी नहीं हो रहे थे। बाद में परिस्थिति के अनुसार उन्हें राजी किया गया। मां एवं बच्ची की स्थिति फिलहाल ठीक है, उनकी निगरानी की जा रही है। अगर जरूरत पड़ी तो दोनों को कोविड 19 अस्पताल भेज दिया जाएगा। चिकित्सकों के इस कार्य की मेयर परिषद सदस्य अभिजीत घटक ने प्रशंसा की।