केंद्र सरकार की श्रम विरोधी नीति के खिलाफ बीएमएस का प्रदर्शन
बर्नपुर केंद्रीय भारतीय मजदूर संघ के आह्वान पर पूरे भारत में सरकार की गलत नीतियों के
बर्नपुर : केंद्रीय भारतीय मजदूर संघ के आह्वान पर पूरे भारत में सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ बुधवार को विरोध दिवस का पालन किया जा रहा है। इसी के तहत बर्नपुर इस्पात कर्मचारी संघ और बर्नपुर ठेकेदार मजदूर संघ ने त्रिवेणी मोड़ के निकट विश्वकर्मा भवन के पास विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान यूनियन के महासचिव दीपक सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार चार कोड लाई है। जिसमें वेज कोड 2019, इंड्रस्ट्रियल रिलेशन कोड 2020, ओकोपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एवं वर्किग कंडीशन कोड 2020 और सोशल सिक्यूरिटी कोड 2020 है। जिसमें वेज बिल कोड में पुराने चार अधिनियम, आइआर कोड में पुराने तीन अधिनियम, सोशल सिक्यूरिटी कोड में पुराने आठ अधिनियम और ओएसएच वर्किग कोड में पुराने तीन अधिनियम के साथ 10 और अधिनियम को सम्मिलित किया गया है। इसमें संशोधन के लिए बीएमएस ने पत्र लिखा था, जिसमें कुछ आपत्तियों को छोड़कर अधिकतर आपत्ति को खारिज कर दिया गया है। जिसकी वजह से बीएमएस को विरोध दिवस मनाना पड़ रहा है। वेज कोड का स्वागत किया गया है, क्योंकि इससे अंतिम व्यक्ति तक न्यूनतम वेतन सुनिश्चित किया जाता है। बाकी यूनियन सभी चार कोड का राजनीति से प्रेरित होकर विरोध कर रही हैं। उन्होंने कहा कि 100 से अधिक श्रमिक संख्यावाले प्रतिष्ठानों, फैक्ट्री में यह नियम लागू होता है, जिसको बढाकर 300 कर दिया गया है। ऐसे संस्थान, प्रतिष्ठानों और फैक्ट्री की संख्या पूरे देश में करीब 70 प्रतिशत है। ऐसे में प्रबंधन को कारखाना बंद करने एवं छंटनी करने के लिए सरकार से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। हमारी मांग है कि इसको 300 से पूर्ववत 100 किया जाना चाहिए। साथ ही छंटनी के समय एक साल में 15 दिन के स्थान पर 45 दिन का भुगतान करना चाहिए। अगर सरकार इसमें बदलाव नहीं करती है तो देशव्यापी हड़ताल की जाएगी। इस दौरान हीरालाल यादव, बिदुभूषण पांडेय, संजीत बनर्जी, अमित सिंह, विकास गुप्ता, विक्रम बर्धन, नीरज दास, अशोक सिंह, विजय कुमार, महेश कुमार, कमल सिंह, राजेंद्र यादव, शंभु सिन्हा, मो. सुभान, विकास कुमार, तपस्या बाउरी, विनोद राय, शंकर मेहता, राकेश कुमार, जगदीश कुमार आदि मौजूद थे।