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बैं¨कग प्रणाली को निजी हाथों में देना खतरनाक

आसनसोल : बैंकों के राष्ट्रीयकरण की वर्षगांठ पर यूनाइटेड फोरम ऑफ बैक यूनियंस द्वारा ग

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 Jul 2018 03:50 PM (IST)Updated: Fri, 20 Jul 2018 03:50 PM (IST)
बैं¨कग प्रणाली को निजी हाथों में देना खतरनाक
बैं¨कग प्रणाली को निजी हाथों में देना खतरनाक

आसनसोल : बैंकों के राष्ट्रीयकरण की वर्षगांठ पर यूनाइटेड फोरम ऑफ बैक यूनियंस द्वारा गुरुवार को जुलूस निकाला गया। इसमें विभिन्न बैंकों के हजारों की संख्या में कर्मचारी शामिल हुए। यूनियन नेता प्रदीप सरकार एवं विश्वनाथ चटर्जी ने कहा कि वर्तमान समय में बै¨कग व्यवस्था पर चौतरफा हमला किया जा रहा है। बैं¨कग प्रणाली को निजी हाथों में दिया जा रहा है, जो देश की अर्थव्यस्था के लिए खतरनाक है। वैश्विक मंदी के दौरान सरकारी बैं¨कग व्यवस्था के कारण ही भारत में मंदी का ज्यादा असर नहीं पड़ा था। आज विभिन्न कार्पोरेट घरानों को आसानी से ऋण दिया जा रहा है, उन्हें विभिन्न तरह की छूट दी जा रही है। जिसका असर बैं¨कग व्यवस्था पर पड़ रहा है। बैंकों का निजीकरण देश की आर्थिक व्यवस्था को सु²ढ़ करने के लिए किया गया था। लेकिन एक बार फिर से बैंकों को निजी हाथों में देने की साजिश की जा रही है। छोटे बैंकों का बड़े बैंकों में विलय किया जा रहा है। नये कर्मचारियों की नियुक्त नहीं हो रही है। आउटसोर्सिंग किया जा रहा है। कर्मियों को अपने वेतनमान के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।

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