व्यवसायी जरूर लें एग्रो मार्केटिंग का लाइसेंस
राज्य सरकार के निर्देश के बावजूद अब तक अधिकतर व्यवसायियों के जरिए एग्रो मार्केटिग लाइसेंस नहीं लिये जाने को लेकर गुरुवार को जिला शासक ने जामुड़िया चैंबर ऑफ कामर्स व बराकर चैंबर आफ कामर्स को बैठक के लिए बुलाया।
जागरण संवाददाता, आसनसोल: राज्य सरकार के निर्देश के बावजूद अब तक अधिकतर व्यवसायियों के जरिए एग्रो मार्केटिग लाइसेंस नहीं लिये जाने को लेकर गुरुवार को जिला शासक ने जामुड़िया चैंबर ऑफ कामर्स व बराकर चैंबर आफ कामर्स को बैठक के लिए बुलाया। अध्यक्षता कर रहे डीएम शशांक सेठी ने कहा कि सभी व्यवसायी जो एग्रीकल्चर मार्केटिग टैक्स के दायरे में आते हैं, वे जितनी जल्दी हो सके लाइसेंस लें ले।
जामुड़िया चैंबर के सचिव अजय खेतान ने बताया कि प्रशासन की ओर से कहा गया है कि एग्रो मार्केटिग लाइसेंस लेना जरूरी है। लाइसेंस लेने वालों को बिक्री के आधार पर आधा से दो प्रतिशत तक लेवी देनी होगी। लेकिन पश्चिम बर्दमान में ये संभव नहीं है, एक तो ये उद्योग प्रधान जिला है, यहां खेती का काम बहुत ही कम होता है। इलाके अलावा पड़ोस में झारखंड है अगर यहां टैक्स लगेगा तो कीमत बढ़ जाएगी। चूंकि झारखंड में एग्रो मार्केटिग टैक्स नहीं है। ऐसे में ग्राहकों के झारखंड चले जाने की संभावना बनी रहेगी। डीएम ने कहा कि आपलोग ज्ञापन दें वह उच्चाधिकारियों से बात करेंगे। लेकिन एग्रो मार्केटिग लाइसेंस जरूर ले लें। अजय खेतान ने कहा कि बैठक के दौरान डीएम ने बताया कि उनलोगों ने करीब 185 से अधिक व्यवसायियों को नोटिस दिया है इसमें 70 ने लाइसेंस ले लिया है। श्री खेतान ने कहा कि उनलोगों ने कुछ समय मांगा है ताकि सभी व्यवसायियों को इस कार्य के लिए जागरुक किया जा सके। रेगुलेटिग मार्केटिग के सचिव शुभ्रांशु सिघ राय, सौगत राय, जामुड़िया चैंबर के अध्यक्ष जयप्रकाश डोकानिया, साबरमल मेगोतिया, बराकर चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष शिव कुमार अग्रवाल, सचिव कृष्ण दुदानी, रामेश्वर भगत मिठू माधोगड़िया, बालमुकुंद अग्रवाल, दिलीप केडिया आदि उपस्थित थे।