सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व होता है। इस दिन पूजा-पाठ करने से संकट दूर होते हैं। आइए जानते हैं कि चैत्र अमावस्या पर किन योग में पूजा करना शुभ होगा?
पंचांग के अनुसार, इस महीने अमावस्या तिथि 29 मार्च को है। इस दिन शनि देव और शिव जी की पूजा करना शुभ होगा।
पंचांग के अनुसार, चैत्र अमावस्या तिथि की शुरुआत 28 मार्च को रात 07 बजकर 55 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन 29 मार्च को शाम 04 बजकर 27 मिनट पर होगा।
ज्योतिषियों के अनुसार, चैत्र अमावस्या के दिन ब्रह्म योग देर रात 10 बजकर 04 मिनट तक रहेगा। इस योग में शिव जी की पूजा करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
चैत्र अमावस्या पर शाम 04 बजकर 27 मिनट तक शिववास योग रहेगा। इस दौरान शिव जी मां पार्वती के साथ कैलाश पर विराजमान रहते हैं।
चैत्र अमावस्या पर गरीब और जरूरतमंद लोगों को भोजन, कपड़े और धन का दान करना चाहिए। इससे जीवन में किसी भी चीज की कमी नहीं होती है।
चैत्र अमावस्या पर पीपल के पेड़ पर जल अर्पित करना शुभ होता है। इस दौरान सरसों के तेल के दीपक में काले तिल डालकर जलाएं। इसके साथ ही, पेड़ की सात बार परिक्रमा करें।
चैत्र अमावस्या पर इन शुभ योग में पूजा करने से साधक की मनोकामनाएं पूरी होने लगती हैं। इसके साथ ही, रुके हुए कार्य होते हैं और तरक्की के योग बनते हैं।
पूजा-पाठ करने की विधि को जानने समेत अध्यात्म से जुड़ी तमाम जानकारियों के लिए जुड़े रहें jagran.com के साथ