शत्रु होंगे पराजित, इस दिन करें भगवान वराह की पूजा


By Farhan Khan07, Sep 2024 04:12 PMjagran.com

भगवान विष्णु

भगवान विष्णु ने अवतार लेकर अत्याचार का हमेशा दमन किया। जब महाबलशाली राक्षस हिरण्याक्ष का पृथ्वी पर ऋषि-मुनियों, नागरिकों पर अत्याचार बढ़ने लगा।

वाराह का अवतार

तब भगवान विष्णु ने वाराह का अवतार लेकर उसका संहार कर पृथ्वी पर सुरक्षा, संतुलन और व्यवस्था को बहाल किया।

भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया को अवतार

भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया को श्रीहरि ने वाराह के रूप में अवतार लिया था। इसलिए बड़ी धूमधाम एवं विधि-विधान से वाराह जयंती मनायी जाती है।

शत्रुओं से निजात

इस वर्ष 6 सितंबर 2024, शुक्रवार को वाराह जयंती मनाई गई। अगर आप भी शत्रुओं से निजात चाहते हैं, तो इस तरह से भगवान वराह की पूजा करें।

पूजा की विधि

सुबह सूर्योदय से पूर्व उठने के बाद स्नान-ध्यान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। मंदिर के सामने एक चौकी रखकर इस पर स्वच्छ वस्त्र बिछाकर भगवान वराह की तस्वीर के साथ भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें।

मंत्र का जाप करें

चौकी के सामने रोली से स्वास्तिक बनाएं। प्रतिमा को गंगाजल से प्रतीकात्मक स्नान कराएं। स्वास्तिक पर धूप दीप रखकर प्रज्वलित करें। ॐ नमः श्रीवराहाय धरण्युद्धारणाय स्वाहा मंत्र का जाप करें।

पान-सुपारी अर्पित करें

भगवान के समक्ष पीले फूल, तुलसी दल, अक्षत, हल्दी, मौली, पीला चंदन, एवं पान-सुपारी अर्पित करें। इसके गायत्री और विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करें।

अंत में विष्णु जी की आरती उतारें। ऐसा करने से दुश्मन से निजात मिल जाएगी। अध्यात्म से जुड़ी तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ते रहें jagran.com