सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व होता है। आइए जानते हैं कि इस दिन किन शुभ योग में पूजा करने से संकट दूर होते हैं?
पंचांग के अनुसार, आज यानी 10 अप्रैल 2025 को प्रदोष व्रत रखा जाएगा। इस दिन पूजा-पाठ करने से जीवन में आने वाली परेशानियां दूर होने लगती हैं।
पंचांग के अनुसार, प्रदोष व्रत की शुरुआत 9 अप्रैल को 10 बजकर 55 मिनट से हो गई है। वहीं, इसका समापन 11 अप्रैल को रात 01 बजे होगा।
पंचांग के अनुसार, प्रदोष व्रत की शाम 06 बजकर 54 मिनट से रात 09 बजकर 11 मिनट तक पूजा करने का शुभ मुहूर्त रहेगा।
प्रदोष व्रत पर दोपहर 11 बजकर 52 मिनट से दोपहर 12 बजकर 49 मिनट तक अभीजीत मुहूर्त का योग बन रहा है। इस योग में पूजा करने से शिव जी प्रसन्न होते हैं।
पंचांग के अनुसार, प्रदोष व्रत पर दोपहर 12 बजकर 24 मिनट से 11 अप्रैल सुबह 06 बजकर 23 मिनट तक रवि योग रहेगा। इस योग में पूजा-पाठ करना शुभ होगा।
प्रदोष व्रत पर पूजा करते समय ऊँ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि, तन्नो रुद्रः प्रचोदयात् मंत्र का जाप करें। इससे रुके हुए कार्य होने लगते हैं।
प्रदोष व्रत पर इन शुभ योग में पूजा करने से साधक के जीवन में आने वाले संकट दूर होने लगते हैं। इसके साथ ही, कार्य में सफलता के योग बनते हैं।
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