सनातन धर्म में विनायक चतुर्थी का विशेष महत्व होता है। इस दिन पूजा-पाठ करने से जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। आइए जानते हैं कि विनायक चतुर्थी पर किन योग में पूजा करना चाहिए?
पंचांग के अनुसार, 30 मई 2025 को विनायक चतुर्थी मनाई जाएगी। इस दिन गणेश जी की पूजा करने से धन-धान्य की प्राप्ति होती है।
पंचांग के अनुसार, विनायक चतुर्थी की शुरुआत 29 मई को देर रात 11 बजकर 18 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन 30 मई को रात 09 बजकर 22 मिनट पर होगा।
विनायक चतुर्थी पर दोपहर 12 बजकर 58 मिनट से वृद्धि योग का संयोग बन रहा है। इस योग में गणेश जी की पूजा करने सो सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
विनायक चतुर्थी पर सुबह 10 बजकर 14 मिनट से दोपहर 03 बजकर 42 मिनट तक भद्रावास योग रहेगा। इस योग में भी पूजा करना लाभकारी माना जाता है।
चतुर्थी तिथि पर इन दोनों योग का संयोग सुबह 05 बजकर 24 मिनट से लेकर रात 09 बजकर 29 मिनट तक रहेगा। इन योग में गणपति की पूजा करने से सारे कष्ट दूर होने लगते हैं।
धन की कमी का सामना करने वाले लोगों को विनायक चतुर्थी पर इन शुभ योग में गणेश जी की पूजा करनी चाहिए। इससे आर्थिक स्थिति मजबूत होने लगती है।
विनायक चतुर्थी पर गणेश जी की विधि-विधान से पूजा करने से परिवार में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। इसके साथ ही, तरक्की के योग बनते हैं।
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