घड़े में पानी रखने से ठंडा क्यों हो जाता है? जानें


By Amrendra Kumar Yadav20, May 2024 12:45 PMjagran.com

गर्मियों का मौसम

गर्मियों के मौसम में लोग गर्मी से बचाव के लिए तरह-तरह के उपाय करते हैं, डाइट आदि में बदलाव करते हैं, पंखे, कूलर, एसी के इस्तेमाल के साथ पानी को ठंडा करने के लिए घड़े का इस्तेमाल करते हैं।

पानी होता है ठंडा

घड़े में पानी रखने से प्राकृतिक रूप से ठंडा होता है और इसका पानी पीना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। घड़े का पानी पीने से शरीर के टॉक्सिंस बाहर निकलते हैं।

कैसे होता है ठंडा?

ऐसे में आपके मन में यह सवाल उठता होगा कि घड़े का पानी ठंडा कैसे हो जाता है, इस प्रक्रिया के बारे में बताएंगे।

वाष्पीकरण से होता है ठंडा

घड़े का पानी वाष्पीकरण की प्रक्रिया से ठंडा होता है, दरअसल घड़े की दीवारों पर छोटे-छोटे छिद्र होते हैं, जिनसे पानी रिसता रहता है और वाष्पीकरण की प्रक्रिया होती है।

अंदर के पानी से आती है ऊष्मा

वाष्पीकरण की प्रक्रिया के लिए जरूरी ऊष्मा घड़े के अंदर के पानी से ली जाती है, जिस वजह से पानी ठंडा होता है।

क्या है वाष्पीकरण की प्रक्रिया?

वाष्पीकरण की प्रक्रिया उस स्थिति को कहते हैं, जब कमरे के तापमान पर कोई द्रव वाष्प में परिवर्तित होता है और जिस तापमान पर पानी वाष्पित होता है, वह वाष्पीकरण की गुप्त ऊष्मा कहलाता है।

पीएच लेवल रहता है बैलेंस

इसके पानी का पीएच लेवल बैलेंस रहता है जो सेहत के लिए बहुत लाभकारी होती है, इससे शरीर का पीएच लेवल भी नियंत्रित रहता है।

नहीं होती सर्दी-खांसी की समस्या

जहां फ्रिज का पानी पीने से खांसी और गले संबंधी समस्याएं होती हैं, वहीं घड़े का पानी पीने से ये समस्याएं नहीं होती हैं और गर्मी में चलने वाली तेज हवा से बचाव होता है।

घड़े का पानी वाष्पीकरण की प्रक्रिया के माध्यम से ठंडा होता है, ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें jagran.com