हिंदू धर्म में शीतला अष्टमी का विशेष महत्व होता है। इस दिन व्रत रखकर माता शीतला की पूजा की जाती है। आइए जानते हैं कि माता शीलता को बासी खाना क्यों चढ़ाया जाता है?
कृष्ण पक्ष की शीतला अष्टमी की शुरुआत 01 अप्रैल को रात 09 बजकर 09 मिनट से होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 02 अप्रैल को रात 08 बजकर 08 मिनट पर होगा। ऐसे में 02 अप्रैल को शीतला अष्टमी मनाई जाएगी।
शीतला अष्टमी के दिन व्रत रखना शुभ माना जाता है। इस दिन सुबह स्नान करने के बाद सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए और मां शीतला की प्रतिमा के सामने फूल, अक्षत अर्पित करें।
शीतला अष्टमी के दिन माता शीतला की पूजा करते समय भोग लगाना जरूरी होता है। ऐसा करने से जीवन में सुख-शांति आती है।
शीतला अष्टमी के दिन माता शीतला को बासी भोजन का भोग लगाना चाहिए। इसमें चावल और मीठे पुए शामिल कर सकते हैं।
माता शीतला की पूजा करते समय सिंदूर और वस्त्र अर्पित करना चाहिए। इसके बाद दीपक जलाकर माता शीलता की पूजा और आरती करें।
माता शीतला को भोग लगाते समय 'श्मम गेहे शीतलारोगजनितोपद्रव प्रशमन पूर्वकायुरारोग्यैश्वर्याभिवृद्धिये शीतलाष्टमी व्रतं करिष्येश्' मंत्र का जाप करना चाहिए।
शीतला अष्टमी पर पूजा करने से परिवार में सुख-समृद्धि आती है। इसके साथ ही परिवार के सदस्य तरक्की करते हैं।
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