शिव जी को समर्पित सावन माह आज से शुरू हो रहा है। इस महीने में भगवान शिव की विधि विधान से पूजा की जाती है।
शिव जी की पूजा करते समय भक्त प्रिय चीजें अर्पित करते हैं। इनमें बेलपत्र भी शामिल है। शिव जी को बेलपत्र अर्पित करने से सभी मंगलकामनाएं प्राप्त होती हैं।
शिव पुराण के अनुसार, प्राचीन काल में भील नामक एक डाकू था, जो परिवार के पालन पोषण हेतु चोरी करता था।
एक बार वह चोरी करने वन में गया और पेड़ पर बैठ गया लेकिन सुबह से शाम तक कोई राहगीर नहीं गुजरा। रात में वह जानवरों के डर से नीचे नहीं उतरा।
डाकू को भूख के चलते रात में नींद नहीं आई, वह पत्ते तोड़कर नीचे फेंकने लगा। पेड़ से पत्ते नीचे शिवलिंग पर गिर रहे थे।
डाकू जिन पत्तों को तोड़कर फेंक रहा था, वह बेल के पत्ते थे। इस वजह से शिव जी को बेलपत्र अर्पित किए जाते हैं।
डाकू डर के मारे शिव-शिव का जाप कर रहा था। उसकी भक्ति को देखकर भगवान शिव प्रकट हुए और उसे आशीर्वाद दिया।
उसके बाद से डाकू ने गलत काम छोड़ दिए और भगवान शिव की भक्ति में लीन हो गया। उसकी मृत्यु के बाद उसे शिव धाम प्राप्त हुआ।
भगवान शिव जी की पूजा में बेलपत्र का विशेष महत्व है। धर्म और अध्यात्म से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें Jagran.Com