कुंडली में शनि को मजबूत करने के लिए पूजा-पाठ करना चाहिए। आइए जानते हैं कि शनि दोष से किन राशियों को ज्यादा नुकसान होता है?
कुंडली में शनि दोष होने पर व्यक्ति को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इससे सफलता मिलने में भी कठिनाई होती है।
कई राशियां ऐसी होती हैं, जिस पर शनि दोष का प्रभाव ज्यादा होता है। इस राशि के जातकों को धन हानि का भी सामना करना पड़ता है।
शनि की साढ़ेसाती का सबसे ज्यादा प्रभाव वृश्चिक राशि के जातकों पर पड़ता है। इस दौरान इन जातकों को नशे की तल भी लग सकती है और रिश्तों में दरार भी आ सकती है।
कुंडली में शनि दोष या साढ़ेसाती मेष राशि के जातकों के लिए कष्टदायी होती है। इस दोष से बचने के लिए शनि देव की पूजा करनी चाहिए।
कुंडली में शनि दोष होने या वृश्चिक और मेष राशि पर साढ़ेसाती होने पर जातकों को धन की कमी का सामना करना पड़ता है। इसके साथ ही, व्यक्ति की तरक्की भी रुक सकती है।
कुंडली में शनि दोष होने पर शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के पास सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए। ऐसा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं और साधक पर कृपा बनाए रखते हैं।
मेष और वृश्चिक राशि के जातकों को शनि दोष के प्रभाव को कम करने के लिए ॐ शं शनैश्चराय नमः मंत्र का जाप करना चाहिए। इससे दोष का प्रभाव कम होने लगता है।
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