अक्सर घरों में पूजा-पाठ किया जाता है। इस दौरान कई तरह के बर्तनों का उपयोग होता है। आइए जानते हैं कि पूजा में किस धातु की थाली का उपयोग करना चाहिए?
पूजा-पाठ में भगवान के पसंद के बर्तन का उपयोग करना चाहिए। इससे देवी-देवता प्रसन्न होने लगते हैं। इसके साथ ही जीवन में आने वाली परेशानी भी दूर होने लगती है।
वास्तु के अनुसार, पूजा करते समय सोने, चांदी, पीतल और तांबे की थाली का उपयोग करना शुभ माना जाता है। इन धातु की थाली से पूजा करने पर ईश्वर का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
पूजा खत्म होने के बाद आरती की जाती है। इसके लिए तांबे, पीतल और चांदी की थाली में रोली, अक्षत, कुमकुम और प्रसाद रखना चाहिए।
मंदिर में पूजा करते समय थाली को शुभ स्थान पर रखना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूजा की थाली को मंदिर के उत्तरी भाग में रखना चाहिए।
पूजा करते समय तांबे, पीतल और तांबे का थाली उपोयग करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। इसके साथ ही परिवार के सदस्य भी तरक्की करते हैं।
अगर आपको कठिन परिश्रम करने के बाद भी सफलता नहीं मिल रही है तो पूजा में शुभ धातु की थाली का उपयोग करें। ऐसा करने से सफलता प्राप्ति के योग बनने लगते हैं।
मनु स्मृति के मुताबिक, पूजा-पाठ में एल्युमिनियम और स्टील से बनी चीजों का उपयोग नहीं करना चाहिए। इस बर्तन में देवी-देवता को स्नान कराने से कालिख निकलने लगती है।
पूजा-पाठ में उपयोग होने वाले बर्तन और देवी-देवता को प्रसन्न करने के उपाय के बारे जानकारी प्राप्त करने के साथ अध्यात्म से जुड़ी जानकारियों के लिए जुड़े रहें jagran.com के साथ