अक्सर लोग रोजाना स्नान करने के बाद पूजा-पाठ करते हैं। आइए जानते हैं कि पूजा करते समय मंदिर में कौन-सी बाती जलाना चाहिए?
भगवान को प्रसन्न करने के लिए पूजा करते समय बाती जलाई जाती है। इस दौरान लोग अलग-अलग तरह की बाती जलाते हैं।
पूजा-पाठ में गोल और लंबी बाती का उपयोग किया जाता है। इन दोनों बाती का अलग-अलग महत्व होता है। इसे घी या सरसों के तेल के साथ जला सकते हैं।
इस बाती का दीपक मां लक्ष्मी, दुर्गा जी, सरस्वती सहित अन्य देवी के पूजन में जलाया जाता है। इसके अलावा, कुल देवता और आंवले के पेड़ की पूजा में जलाना चाहिए।
मां लक्ष्मी की पूजा करते समय लंबी बाती का दीपक जलाने से धन वृद्धि के योग बनते हैं। इसके साथ ही, घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
इस बाती को ब्रह्मा जी, इंद्रदेव, शिव जी, विष्णु जी सहित अन्य देवता के सामने जलाना शुभ माना जाता है। इसके साथ ही, तुलसी के पौधे के पास भी गोल बाती का दीपक जलाना चाहिए।
रोजाना पूजा-पाठ करते समय गोल बाती का दीपक जलाने से घर में खुशहाली और मां लक्ष्मी का आगमन होता है।
पितरों के लिए कभी भी गोल बाती का दीपक नहीं जलाना चाहिए। इससे घर की तरक्की रुक जाती है और कोई सदस्य बीमार हो सकता है। पितरों को प्रसन्न करने के लिए लंबी बाती का दीपक जलाना चाहिए।
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