जिन लोगों को पर शनि देव की कृपा रहती है उन्हें परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है। आइए जानते हैं कि कुंडली के किन भाव में शनि के रहना शुभ होता है?
शनि देव के प्रसन्न होने से करियर में सफलता मिलती है। परिश्रम कर रहे लोगों के लिए शनि देव का कुंडली के शुभ भाव में विराजमान होना अच्छा माना जाता है।
कुंडली में शनि देव अपना स्थान बदलते रहते हैं। शनि देव के स्थान को देखकर जातक को कब फल की प्राप्ति होने वाली है।
इस भाव में शनि देव के विराजमान होने और लग्नेश का मित्र होने पर जातक को शुभ परिणाम मिलता है। इस दौरान जातक सफल होने के लिए काफी मेहनत करता है।
शनि देव के इस भाव में रहना बेहद अच्छा माना जाता है। इस दौरान जातक को इंजीनियरिंग और टेलीकॉम जैसे क्षेत्र में सफलता मिलती है।
शनि देव के कुडंली के छठे भाव में रहने से जातक को कर्ज से छुटकारा मिलता है और दुश्मन बड़ी समस्या में पड़ जाता है।
कुंडली का दसवां भाव करियर के अच्छा माना जाता है। शनि देव के दशम भाव में विराजमान होने पर जातक को धीरे-धीरे सफलता मिलती है, लेकिन यह सफलता ज्यादा दिन तक रहती है।
कुंडली के पहले, तीसरे, छठे और दशम भाव में विराजमान होने पर धन से जुड़ी समस्या दूर होने लगती है। इसके साथ ही व्यक्ति का आर्थिक स्थिति भी मजबूत होने लगती है।
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