जीवन में आने वाली परेशानियों से बचने के लिए सूर्य देव को अर्पित किया जाता है। आइए जानते हैं कि सूर्य देव का जल कब नहीं चढ़ाना चाहिए?
सुबह स्नान करने के बाद सूर्य को जल अर्पित कनरे से कुंडली में सूर्य मजबूत होते हैं। इससे व्यक्ति के जीवन में किसी भी चीज की कमी नहीं होती है।
सूर्य उगने के 1 घंटे के अंदर जल चढ़ाना अच्छा माना जाता है। एक घंटे बाद सूर्य की रोशनी चुभने पर जल अर्पित नहीं करना चाहिए।
सूर्योदय के 1 घंटे बाद जल अर्पित करने से जीवन में परेशानी आ सकती है। ऐसा करने से पूजा का फल भी नहीं मिलता है।
सूर्य देव को जल अर्पित का शुभ समय सुबह 6 बजकर 15 मिनट से सुबह 6 बजकर 45 मिनट तक होता है। इसके अलावा, सूर्योदय होने के 1 घंटे के अंदर तक जल अर्पित कर देना चाहिए।
सूर्य को अर्पित करने वाले जल में लाल फूल, कुमकुम और अक्षत डाल सकते हैं। इसके साथ ही, जल चढ़ाने के लिए तांबे के लोटे का उपयोग करें।
सूर्य को जल अर्पित करते समय ‘ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:' मंत्र का जाप करना चाहिए। इससे सूर्य देव प्रसन्न होते हैं।
सूर्य को जल अर्पित करते समय दिशा का विशेष ध्यान देना चाहिए। पूर्व दिशा में मुख करके जल अर्पित करना बेहद शुभ माना जाता है।
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