मलमास के महीने में मांगलिक कार्यक्रम बंद रहता है। इस माह में ऐसे कार्यक्रम करने के पर कोई फल नहीं मिलता है। आइए जानते हैं कि मांगलिक कार्यक्रमों की शुरुआत कब से हो रही है?
मलमास यानी अधिकमास के चलते मांगलिक कार्यक्रमों पर रोक लग जाती है। इस माह में शुभ कार्य करना अच्छा नहीं माना जाता है।
इस साल मलमास की शुरुआत 18 जुलाई से हुई थी। इसी दिन से मांगलिक कार्यक्रम बंद हो गए थे।
मलमास में शुभ कार्य जैसे मुंडन, गृह प्रवेश आदि नहीं किए जाते हैं। इस माह के समाप्त होते ही इस शुरू किया जा सकता है।
मलमास की की समापन 16 अगस्त को होगा। इसके बाद से मांगलिक कार्य शुरू किए जा सकते हैं।
इस समय चतुर्मास लगा हुआ है। इस दौरान शादी विवाह पर रोक लगी रहेगी। इसके अलावा कई लोग चतुर्मास में मांगलिक कार्यक्रम भी नहीं करते हैं।
मलमास को भगवान विष्णु का महीना माना जाता है। इस माह में विष्णु की आराधना करनी चाहिए। इसके अलावा गीता का पाठ और हवन-यज्ञ भी किया जा सकता है।
मलमास में भगवान विष्णु की पूजा करने से घर में खुशहाली बनी रहती है। इसके अलावा व्यक्ति को सुख की प्राप्ति भी होती है।
आध्यात्म से जुड़ी तमाम जानकारियों के लिए जुड़े रहें jagran.com के साथ