हर महीने की कृष्ण पक्ष को कालाष्टमी मनाई जाती है। इस दिन काल भैरव की पूजा विधि-विधान से की जाती है।
इस दिन भक्तगण व्रत का पालन करते हैं। इससे प्रसन्न होकर काल भैरव आशीर्वाद देते हैं और कार्यों में सफलता मिलती है।
भाद्रपद महीने में पड़ने वाली कालाष्टमी का व्रत 26 अगस्त को रखा जाएगा। इसी दिन जन्माष्टमी का पर्व भी मनाया जाएगा।
अष्टमी तिथि का शुभ मुहूर्त 26 अगस्त की रात 3 बजकर 39 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 27 अगस्त को 2 बजकर 19 मिनट तक होगा।
कालष्टमी की पूजा निशा काल में की जाती है। इसलिए यह व्रत 26 अगस्त को ही रखा जाएगा।
इस दिन हर्षण योग का निर्माण हो रहा है, जो बहुत शुभ माना जाता है। यह योग रात 10 बजकर 18 मिनट से शुरू हो रहा है।
इसके साथ ही इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है। इस योग में भगवान शिव माता पार्वती के साथ कैलाश पर विराजमान रहेंगे।
इस मुहूर्त में भगवान शिव की पूजा करने से सभी बिगड़े काम बनते हैं और शिव जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
कालाष्टमी के दिन काल भैरव की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। धर्म और अध्यात्म से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें Jagran.Com