हिंदू धर्म में यह यात्रा बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। यह यात्रा भगवान श्रीकृष्ण, बलराम और उनकी बहन सुभद्रा को समर्पित होती है।
जगन्नाथ रथ यात्रा बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है। यात्रा में शामिल होने के लिए देश के अलग-अलग कोनों से लोग आते हैं।
यह यात्रा प्रतिवर्ष ओडिशा के पुरी में आयोजित की जाती है। इसकी झलक अभी से देखने को मिल रही है। यात्रा के लिए महीनों पहले से तैयारियां शुरू हो जाती हैं।
इस साल यात्रा की शुरुआत 7 जुलाई से हो रही है और 16 जुलाई को इसका समापन हो रहा है। यात्रा से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानना जरूरी है।
इस दिव्य यात्रा में 3 रथ होते हैं, जो सभी के आकर्षण का केंद्र होते हैं। इन रथों में भगवान श्रीकृष्ण, बलराम और सुभद्रा की मूर्तियां रखी जाती हैं।
इस यात्रा की शुरुआत सदियों पहले हुई थी। ऐसी मान्यता है कि 12वीं शताब्दी में इस यात्रा की शुरुआत हुई थी।
इस यात्रा में शामिल होने से भक्तों के जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। इसके साथ ही सौभाग्य में वृद्धि होती है।
ऐसी मान्यता है कि इस यात्रा में शामिल होने से जन्म-मरण के चक्कर से मुक्ति मिलती है और व्यक्ति को मोक्ष प्राप्त होता है।
जगन्नाथ रथ यात्रा की शुरुआत 7 जुलाई से हो रही है। धर्म और आध्यात्म से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें Jagran.Com