सनातन धर्म में संकष्टी चतुर्थी पर गणेश जी की पूजा करना विधान होता है। आइए जानते हैं कि इस दिन कौन से काम करने से गणपति की कृपा प्राप्त होती है?
पंचांग के अनुसार, विकट संकष्टी चतुर्थी का पर्व 16 अप्रैल को मनाया जाएगा। इस दिन गणेश जी की पूजा करने से जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
पंचांग के अनुसार, संकष्टी चतुर्थी की शुरुआत 16 अप्रैल को दोपहर 01 बजकर 16 मिनट से होगी। वहीं, इसका समापन 17 अप्रैल को दोपहर 03 बजकर 23 मिनट पर होगा।
कई काम ऐसे होते हैं, जिसे संकष्टी चतुर्थी पर करना शुभ होता है। इससे साधक की मनोकामनाएं पूरी होने लगती हैं।
संकष्टी चतुर्थी पर स्नान करने के बाद पूजा करते समय गणेश जी को फूल, फल, रोली अक्षत के साथ 21 दूर्वा अर्पित करें। इससे गणेश जी प्रसन्न होते हैं।
संकष्टी चतुर्थी पर गणेश जी को तिलकुट का भोग लगाना शुभ होता है। इसके अलावा, मोदक का भी भोग लगा सकते हैं। इससे साधक के जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
विकट संकष्टी चतुर्थी पर पूजा करते समय कदंताय विद्महे, वक्रतुंडाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात या ॐ गं गणपतये सर्व कार्य सिद्धि कुरु कुरु स्वाहा मंत्र का जाप करें।
संकष्टी चतुर्थी पर इन कामों को करने से साधक की आर्थिक स्थिति मजबूत होने लगती है। इसके साथ ही, कार्यों में सफलता मिलती है।
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