हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का अत्यधिक महत्व है, यह व्रत हर महीने में 2 बार रखा जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है।
वैशाख माह के शुक्ल पक्ष का व्रत 20 मई को रखा जाएगा। इस दिन विधि-विधान से पूजा करने से घर में सुख-शांति आती है और समृद्धि आती है।
प्रदोष व्रत के दिन भक्तगण व्रत का पालन करते हैं और देवों के देव महादेव की विधि-विधान से पूजा करते हैं, ऐसा करने से शिव जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
इस दिन शिव जी की पूजा करते समय शिव रूद्राष्टकम का पाठ करें, भगवान भोलेनाथ की पूजा करने से भक्तों को शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
इस दिन शिव जी की पूजा करने के लिए सुबह जल्दी उठें और मंदिर की साफ-सफाई करें। इसके बाद शिव जी की पूजा करें।
शिव जी की पूजा करते समय कच्चे दूध से अभिषेक करें, इसके बाद बेलपत्र, अक्षत, कनेर के पुष्प, सफेद चंदन अर्पित करें।
इसके बाद घी का दीपक जलाएं और विधि-विधान से पूजा करें। इसके बाद शिव जी की प्रदोष व्रत कथा का पाठ करें और आरती करें।
प्रदोष व्रत के दिन शिव जी की पूजा करें और शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करें, ऐसा करने से शिव जी की कृपा बनी रहेगी और परिवार के लोगों को खुशहाली मिलेगी।
प्रदोष व्रत के दिन पूजा करने से शिव जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है, धर्म और आध्यात्म से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें jagran.com