ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा तिथि का अत्यधिक महत्व होता है। इस दिन जगत के पालनहार श्रीहरि विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है।
इस माह की पूर्णिमा 22 जून को मनाई जा रही है। पूर्णिमा के दिन तुलसी की पूजा का भी विधान है। तुलसी की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
तुलसी की पूजा करते समय कुछ बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। तुलसी से जुड़े इन नियमों का पालन करने से तरक्की होती है।
भक्तगण पूजा करते समय तुलसी के साथ में शालिग्राम की स्थापना करें। इसके बाद गंगाजल और पंचामृत अर्पित करें।
पंचामृत अर्पित करने के बाद हल्दी व चंदन से तिलक अर्पित करें और सिंदूर से भी तिलक करें। वहीं माता तुलसी को सोलह श्रृंगार की सामग्री अर्पित करें।
पूजा करते समय तुलसी के समक्ष घी का दीपक जलाएं और फूलों की माला अर्पित करें। इसके बाद फल और मिठाई का भोग लगाएं।
भोग लगाने के बाद वैदिक मंत्रों का जाप करते हुए पूजा करें और फिर तुलसी और भगवान विष्णु की आरती करें।
पूजा में हुई गलतियों के लिए क्षमा प्रार्थना करें और पूजा पूरी होने के बाद प्रसाद वितरित करें। ऐसा करने से माता तुलसी और भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन तुलसी की पूजा इस प्रकार करनी चाहिए। धर्म और आध्यात्म से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें Jagran.Com