सनातन धर्म में वट सावित्री व्रत का विशेष महत्व होता है। इससे परिवार में सुख-समृद्धि आती है। आइए जानते हैं कि वट सावित्री की पूजा में क्या खाना चाहिए?
ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि 5 जून 2024 को शाम 6:24 बजे शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 06 जून को शाम 04 बजकर 37 मिनट पर होगा।
महिलाएं वट सावित्री व्रत का पति की सकुशलता और दीर्घायु के साथ रोगमुक्त की कामना के लिए रखती हैं।
वट सावित्री व्रत रखने वाली सुहागिन महिलाओं को आम के मुरब्बे और गुड़ या चीनी का सेवन करना चाहिए।
वट सावित्री की पूजा के दौरान चना, पूड़ी और पुआ का भोग लगाना चाहिए। इसके बाद इस भोग का सेवन कर सकते हैं।
वट सावित्री की पूजा के दौरान बरगद के पेड़ की पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से पति की उम्र लंबी होती है।
वट सावित्री का व्रत रखने वाली महिलाओं को बरगद के पेड़ की 7 बार परिक्रमा करनी चाहिए। इस पर कच्चा सूत और कलावा लपेटकर कथा सुनें।
वट सावित्री व्रत के दिन तामसिक चीजों का सेवन करने से बचना चाहिए। ऐसा करने से पूजा का फल नहीं मिलता है और जीवन में कई तरह की समस्याएं भी होने लगती हैं।
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