हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है, यह व्रत महीने में दो बार होता है। हर महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत मनाया जाता है।
इस साल का आखिरी प्रदोष व्रत 24 दिसंबर को मनाया जाएगा। यह व्रत रविवार के दिन पड़ रहा है, इसलिए इसे रवि प्रदोष व्रत कहा जाएगा।
यह व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है, इस दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा की जाती है। ऐसा करने से भगवान भोलेनाथ की कृपा प्राप्त होती है।
इस दिन व्रत का पालन करने से स्वास्थ्य बढ़िया रहता है और घर में सुख-शांति आती है। इसके साथ ही भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
प्रदोष व्रत के दिन कुछ कार्यों को करने की मनाही होती है, ऐसे कुछ कार्यों के बारे में बताएंगे जिन्हें प्रदोष व्रत के दौरान नहीं करना चाहिए।
जो लोग इस दिन व्रत कर रहे हों, उन्हें काले वस्त्रों को नहीं धारण करना चाहिए। ऐसा करने से नकारात्मकता आती है।
इस दिन तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए, ऐसा करने से भगवान भोलेनाथ नाराज होते हैं।
इस दिन किसी का भी अपमान नहीं करना चाहिए, इसके साथ ही इस दिन क्रोध भी नहीं करना चाहिए।
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