बेलपत्र तोड़ने का मंत्र क्या है?


By Farhan Khan22, Apr 2024 05:00 AMjagran.com

महादेव को समर्पित

सोमवार का दिन देवों के देव महादेव को समर्पित होता है। इस दिन महादेव संग माता पार्वती की विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है।

भांग, धतूरा और बेलपत्र

भगवान शिव की पूजा भांग, धतूरा, आक, बेलपत्र, फल, फूल आदि चीजों से की जाती है। भगवान शिव को भांग, धतूरा, और बेलपत्र अति प्रिय है।

मनोवांछित फल की प्राप्ति

इन चीजों के अर्पण से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं। उनकी कृपा से जातक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।

बेलपत्र तोड़ने के नियम

शास्त्रों में बेलपत्र तोड़ने के कई नियम बताए गए हैं। इन नियमों का पालन जरूरी है। अगर आप भी भगवान शिव को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो बेलपत्र तोड़ते समय इन बातों का जरूर ध्यान रखें।

ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप

बेलपत्र तोड़ने के समय भगवान शिव का स्मरण जरूर करें। आप चाहे तो 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का भी जाप कर सकते हैं। इससे भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

अष्टमी पर बेलपत्र न तोड़ें

सनातन शास्त्रों में निहित है कि चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, चतुर्दशी और अमावस्या तिथि पर भूलकर भी बेलपत्र नहीं तोड़ना चाहिए।

तीन पत्तियों वाला बेलपत्र अर्पित करें

टहनी समेत बेलपत्र कभी नहीं तोड़ना चाहिए। इससे दोष लगता है। भगवान शिव को तीन पत्तियों वाला बेलपत्र ही अर्पित करना चाहिए।

रविवार के दिन तोड़कर रखें

धर्म गुरुओं की मानें तो बेलपत्र कभी बासी नहीं होता है। अतः रविवार के दिन बेलपत्र तोड़कर रख लेना चाहिए।

ऐसे में यह कहा जा सकता है कि बेल पत्र तोड़ते समय ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें। अध्यात्म से जुड़ी तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ते रहें jagran.com

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