घर बनाते समय वास्तु का विशेष ध्यान देना चाहिए। मुख्य द्वार को दक्षिण दिशा में करना अशुभ माना जाता है। आइए जानते हैं कि दक्षिण दिशा में मुख्य द्वार होने से क्या होता है?
घर में किसी भी काम को करते समय वास्तु से जुड़े नियमों का पालन करना चाहिए। इन नियमों का पालन न करने से वास्तु दोष हो सकता है और परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है।
कई लोगों के घर के मुख्य द्वार दक्षिण दिशा में रहता है। ऐसे लोगों को जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस दिशा में मुख्य द्वार करना अशुभ माना जाता है।
दक्षिण दिशा में घर का मुख्य द्वार करना अशुभ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिशा में यम के दूतों का वास रहता है।
यदि आपके घर के मुख्य द्वार दक्षिण दिशा में है तो परिवार के सदस्यों के तनाव उत्पन्न हो सकता है। इसके अलावा भाई-भाई के बीच झगड़-लड़ाई भी हो सकते हैं।
ऐसा कहा जाता है कि दक्षिण दिशा में सूर्य ज्यादा समय तक रहते हैं। जिसके चलते मुख्य द्वार पर ज्यादा गर्मी रहती है और घर में ऑक्सीजन की कमी हो सकती है।
मुख्य द्वार के सामने आशीर्वाद की मुद्रा में हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर लगानी चाहिए। इससे दक्षिण दिशा का वास्तु दोष दूर होने लगता है।
अगर आपका मुख्य द्वार दक्षिण दिशा में है तो द्वार पर दर्पण लगाना चाहिए। इससे लगाने से नकारात्मक ऊर्जा वापस लौट जाती है।
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