सनातन धर्म में होलिका दहन का विशेष महत्व होता है। इस दौरान होलिका की अग्नि में कई चीजें अर्पित की जाती हैं। आइए जानते हैं कि होलिका दहन में गोबर के उपले जलाने से क्या होता है?
पंचांग के अनुसार, इस साल 13 मार्च 2025 को होलिका दहन किया जाएगा। इस दिन पूजा-पाठ करने से जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
पंचांग के अनुसार, 13 मार्च को रात 10 बजकर 45 मिनट से 01 बजकर 30 मिनट तक होलिका दहन के लिए शुभ मुहूर्त रहेगा। इस दौरान होलिका की अग्नि में कई चीजें डालनी चाहिए।
होली के एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है। इस दौरान अग्नि में कई चीजों को डाला जाता है। वहीं, होलिका में गाय के गोबर के उपले डालना का विधान होता है।
होलिका दहन के समय अग्नि में गाय के गोबर के उपले डालना शुभ होता है। इससे परिवार में सुख-समृद्धि का आगमन होता है और गृह क्लेश दूर होता है।
गाय के अंदर कई देवी-देवताओं का वास रहता है। होलिका दहन की अग्नि में गाय के गोबर के उपले डालने निकलने वाले धुएं से नकारात्मक ऊर्जा दूर होने लगती है।
ऐसा कहा जाता है कि होलिका दहन में गोबर के उपले डालकर उसे घर में लाकर रख दें। ऐसा करने से आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलता है।
होलिका दहन की अग्नि में गेहूं की बाली डालें की बाली डालना शुभ होता है। इससे जीवन में तरक्की होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
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