हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, सावन आने में अब चंद दिन ही बाकी बचे हैं। सावन का पर्व 11 जुलाई से आरंभ हो रहा है। इस माह में भगवान शिव की विशेष पूजा का महत्व है।
सावन माह में भगवान शिव की पूजा करने से फूटी किस्मत चमक जाती है। जातकों की दिन-रात तरक्की होती है। बिगड़े काम धीरे धीरे बनने लगते हैं और अटका धन भी मिल जाता है।
सावन के माह में भक्त कई बार शिवलिंग पर गलत तरीके से बेलपत्र अर्पित कर देते हैं। इसके चलते जातकों को पूरा फल नहीं मिल पाता और देवी-देवता भी नाराज हो जाते हैं।
आज हम आपको शिवलिंग पर सही तरीके से बेलपत्र अर्पित करने के बारे में बताएंगे, ताकि आपकी कोई भी मनोकामना अधूरी न रहें। आइए इसके बारे में विस्तार से जानें।
बेलपत्र को शिवलिंग पर कभी भी लोटे के अंदर डालकर न चढ़ाएं। इसे अपने हाथों से ही चढ़ाएं क्योंकि लोटे से बेलपत्र शिवलिंग पर सही तरीके से नहीं चढ़ता और पूजा भी अधूरी मानी जाती है।
शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाते समय दिशा का खास ख्याल रखें। आपको बेलपत्र शिवलिंग पर उल्टा चढ़ाना है। कहने का यह अर्थ है कि बेलपत्र का अग्र भाग शिवलिंग की ओर होना चाहिए।
कभी भी सोमवार के दिन या फिर चतुर्दशी तिथि को बेलपत्र नहीं तोड़ना चाहिए। इससे आपके घर में अपशगुन हो सकता है। आपकी जिंदगी में भूचाल आ सकता है। आप रविवार के दिन बेलपत्र तोड़ सकते हैं।
बेलपत्र जब भी तोड़ें, तो इस बात का ख्याल रखें कि आपको इसकी पूरी डाल नहीं तोड़नी है और सिर्फ 3 पत्ती वाला ही बेलपत्र तोड़ें। वहीं, इसके अलावा बेलपत्र कहीं से भी कटा-फटा न हो।
इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। अध्यात्म से जुड़ी तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ते रहें jagran.com