भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में तीन ऐसे द्वार बताए हैं, जो मनुष्य के लिए विनाश का कारण बन सकते हैं। आइए जानते हैं कि कौन-सी चीजें व्यक्ति के विनाश का कारण बन सकती हैं।
क्रोध व्यक्ति का सबसे बड़ा दुश्मन है। क्रोध में कभी भी कोई फैसला नहीं लेना चाहिए, क्योंकि क्रोध में व्यक्ति की बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है और वह अक्सर गलत फैसले ले लेता है।
क्रोध में लिए गए फैसले या क्रोध में किया गया काम आगे चलकर नुकसान का कारण बन सकते हैं। इसलिए क्रोध में कभी भी कोई काम न करें।
लालच, मनुष्य के विनाश में अहम भूमिका निभाता है। गीता में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि व्यक्ति के पास जितना अधिक होता है, उसका लालच उतना ही बढ़ता जाता है।
व्यक्ति के मन में काम यानी उसकी भौतिक इच्छाएं उसके आत्मज्ञान में बाधा बन सकती हैं। इस कारण से व्यक्ति पाप का आचरण करने को मजबूर हो जाता है।
आपकी भौतिक इच्छाएं जितनी अधिक होती हैं, वह उसे उतना ही गलत रास्ते पर ले जाने के लिए मजबूर करती हैं।
ये इच्छाएं व्यक्ति को छल-कपट, झूठ बोलने, चोरी और अन्य अनैतिक काम करने के लिए प्रोत्साहित कर सकती हैं। हमेशा भौतिक इच्छाओं को कम करने की कोशिश करनी चाहिए।
इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। अध्यात्म से जुड़ी तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ते रहें jagran.com