हिंदू संस्कृति में ग्रह-नक्षत्रों का विशेष महत्व है, इनकी स्थिति को देखते हुए ही शुभ कार्यों की तिथि का निर्धारण होता है।
ज्योतिष शास्त्र की गणनाओं के मुताबिक, जब गुरु ग्रह और शुक्र ग्रह अस्त होते हैं, तब कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है।
जब शुक्र और गुरु अस्त होते हैं तो इस अवधि में कोई भी शुभ काम नहीं होता है, पंचांग के अनुसार, इस साल 23 अप्रैल को शुक्र अस्त हो गए हैं और अब शुक्र का उदय 29 जून को होगा।
इस अवधि में विवाह संस्कार, मुंडन संस्कार, उपनयन संस्कार आदि शुभ काम नहीं होंगे। हालांकि इस दौरान गाड़ी, भूमि आदि की खरीदारी कर सकते हैं।
ऐसे में अब विवाह और अन्य शुभ कार्यों की शुरुआत जुलाई में होगी, हालांकि जुलाई में भी केवल 8 दिन ही शहनाई बजेगी, इसके बाद चातुर्मास शुरु हो जाएगा।
वहीं गुरु ग्रह 3 मई को अस्त हो रहे हैं और इसके बाद 3 जून को उदय हो रहे हैं, हालांकि शुक्र का उदय 29 जून को होगा, इस वजह से शुभ कार्य 30 जून और उसके बाद से शुरू होंगे।
वहीं 16 जुलाई को देवशयनी एकादशी है, इस दिन से शुभ कार्यों में एक बार फिर से विराम लग जाएगा। देवशयनी एकादशी के दिन से जगत के पालनहार श्रीहरिविष्णु जी निद्रावस्था में जाते हैं और देवउठनी एकादशी के दिन उठते हैं।
इस साल देवउठनी एकादशी 12 नवंबर को है, ऐसे में 16 जुलाई से 12 नवंबर तक विवाह, मुंडन आदि शुभ कार्य नहीं संप्नन होंगे।
विवाह का शुभ मुहूर्त समाप्त हो गया है, अब जुलाई महीने में शहनाई बजेगी, धर्म और आध्यात्म से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें jagran.com