महादेव की उपासना के लिए सोमवार का दिन बहुत ही उत्तम होता है। जो व्यक्ति सोमवार के दिन भगवान शिव की विधिवत पूजा करता है। शिवलिंग पर बेल पत्र इत्यादि अर्पित करता है, उससे भगवान शिव प्रसन्न हो जाते हैं।
शास्त्रों में बताया गया है कि सोमवार के दिन भक्तों को भगवान शिव की पूजा के समय कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि छोटी सी गलती भी खतरनाक परिणाम का रूप ले सकते हैं।
शास्त्रों में बताया गया है कि महादेव को कनेर और कमल के फूल ही अर्पित करना चाहिए। इनके अलावा अन्य फूल का प्रयोग ना करें। लाल रंग के फूल, केतकी और केवड़े का फूल भी अर्पित नहीं करना चाहिए।
करना चाहिए। इस बात का भी विशेष ध्यान रखें कि शिवलिंग पर जल अर्पित करने के बाद रोली ना चढ़ाएं। ऐसा करने से भगवान शिव नाराज हो सकते हैं।
महादेव की पूजा के दौरान हल्दी का उपयोग बिल्कुल ना करें। ऐसा इसलिए क्योंकि हल्दी को सौंदर्य के साधन के रूप में जाना जाता है, जबकि महादेव अघोरी के रूप में पुरुषत्व का प्रतीक हैं।
इस बात का भी ध्यान रखें कि शिव जी की पूजा के दौरन शंख का इस्तमाल ना हो। प्राचीन किवदंतियों में इस बात का उल्लेख मिलता है कि भगवान शिव ने शंखचूर नाम के दिन का वध किया था।
भगवान शिव को तुलसी पत्र चढ़ाना वर्जित है। इसके पीछे कारण यह बताया जाता है की असुरों के राजा जलंधर का वध भगवान शिव ने किया था। जिसकी पत्नी वृंदा ने तुलसी के पौधे का रूप ले लिया था।