शनि देव को न्याय का देवता कहा जाता है, वह व्यक्ति के कर्मों के हिसाब से उसे फल देते हैं।
कुंडली में शनि की साढ़े साती और ढैय्या होने पर व्यक्ति को कई शारीरिक, मानसिक और आर्थिक समेत कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, भगवान शनि को कुछ राशियां अति प्रिय है। इन राशियों पर शनि की साढ़े साती और ढैय्या का प्रभाव काफी हद तक कम होता है।
शुक्र की राशि पर भी शनिदेव की असीम कृपा होती है। क्योंकि शुक्र और शनि दोनों एक-दूसरे के परस्पर नैसर्गिक मित्र है।
तुला राशि के स्वामी भी शुक्रदेव है। इसके साथ ही इस राशि में शनिदेव उच्च राशि के होते हैं। इसलिए इस राशि के जातकों पर भी शनि की साढ़े साती और ढैय्या का दुष्प्रभाव काफी हद तक कम होता है।
मकर राशि के स्वामी शनिदेव है। ऐसे में शनिदेव के प्रिय राशियों में से एक है। ऐसे में इस राशि के जातकों के ऊपर शनि की साढ़े साती और ढैय्या का दुष्प्रभाव काफी हद तक कम रहता है।
कुंभ राशि के भी स्वामी शनिदेव है। ऐसे में इस राशि के जातकों के ऊपर भी शनिदेव काफी मेहरबान रहते हैं, साथ ही इन्हे धन से संबंधित समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता है।