सनातन धर्म में संकष्टी चतुर्थी का विशेष महत्व होता है। आइए जानते हैं कि इस दिन गणेश जी को मोदक चढ़ाने से क्या होता है?
पंचांग के अनुसार, 14 जून 2025 को कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी मनाई जाएगी। संकष्टी चतुर्थी के दिन गणेश जी की पूजा करने से परेशानियां दूर होने लगती हैं।
पंचांग के अनुसार, संकष्टी चतुर्थी की शुरुआत 14 जून को दोपहर 03 बजकर 46 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन 15 जून को दोपहर 03 बजकर 51 मिनट पर होगा।
संकष्टी चतुर्थी के दिन गणेश जी को मोदक का भोग लगाना शुभ होता है। इससे गणेश जी प्रसन्न होते हैं और साधक पर आशीर्वाद बनाए रखते हैं।
इसका अर्थ खुशी और आनंद होता है। गणेश जी को मोदक चढ़ाने से साधक के जीवन खुशहाली बनी रहती है। इसके साथ ही, जीवन में तरक्की के रास्ते भी खुल जाते हैं।
संकष्टी चतुर्थी पर गणेश जी को मोदक चढ़ाने से साधक की मनोकामनाएं पूरी होने लगती हैं। वहीं, व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति भी बनी रहती है।
गणेश जी की पूजा करने से परिवार में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। इसके साथ ही, परिवार के लोगों के बीच प्रेम भी बढ़ने लगता है।
गणेश जी को दूर्वा बेहद प्रिय है। इसे चढ़ाने से साधक के जीवन में तरक्की के योग बनते हैं और रुके हुए कार्यों में भी सफलता मिलती है।
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