शास्त्रों में बताया गया है कि एक मुखी से 14 मुखी रुद्राक्ष तक की उत्पत्ति भगवान शिव के अश्रु से हुई थी और इनमें कई चमत्कारी गुण मौजूद होते हैं।
ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है मांगलिक योग की शांति के लिए 11 मुखी रुद्राक्ष को बहुत ही कारगर माना जाता है।
जिन लोगों की कुंडली में ग्रहण योग हैं उनके लिए 2 और 8 मुखी रुद्राक्ष की माला बहुत ही लाभकारी है।
काल सर्प दोष से परेशान जातकों को आठ और नौ मुखी रुद्राक्ष पहनना चाहिए। इससे उन्हें बहुत लाभ मिलेगा।
कुंडली में यदि शाक्त योग बन रहा है और उससे छुटकारा पाने चाहते हैं तो व्यक्ति के लिए 10 मुखी रुद्राक्ष बहुत लाभदायक है।
चंडाल दोष से मुक्ति के लिए पांच और दस मुखी रुद्राक्ष की माला को धारण करना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति को जल्द ही लाभ दिखना शुरू हो जाएगा।
जो लोग केद्रुम योग की शांति का उपाय खोज रहे हैं उन्हें 13 मुखी रुद्राक्ष को चांदी के साथ धारण करना चाहिए। यह उनके बहुत लाभकारी साबित होगा।